Last Updated on अप्रैल 8, 2024 by Neelam Singh
सारांश
एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि माचिस की तीलियों को पीसकर पानी के साथ मिलाकर बिच्छू के काटने वाले स्थान पर लगाने से जहर उतर जाता है। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा बिल्कुल गलत है।
दावा
फेसबुक पर जारी एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि माचिस की पांच-सात तीलियों को पीसकर पानी के साथ मिलाकर बिच्छू के काटने वाले स्थान पर लगाने से सिर्फ दो मिनट में जहर उतर जाता है।
तथ्य जाँच
क्या बिच्छू का डंक जानलेवा हो सकता है?
बिच्छू का डंक दर्दनाक होता है लेकिन ज्यादातर मामलों में यह हानिरहित होता है। हालांकि अधिकांश बिच्छू के डंक जीवन के लिए खतरनाक एन्वेनोमिंग के बिना केवल स्थानीय दर्द का कारण बनते हैं, लगभग एक तिहाई डंक प्रणालीगत एन्वेनोमिंग का कारण बनते हैं जिसके परिणामस्वरूप मृत्यु हो सकती है। बिच्छू का दंश बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है उनके शरीर के छोटे आकार के कारण। डंक लगने पर जलन या चुभन के साथ ही लालिमा और सूजन आ सकती है।
बिच्छू के डंक मारने पर क्या उपचार किया जाना चाहिए?
बिच्छू के डंक की गंभीरता जहर में न्यूरोटॉक्सिन की उपस्थिति से संबंधित है जिससे सूजन प्रतिक्रिया भी होती है। यदि समय रहते एंटीवेनम से उपचार किया जाये तो यह कई जटिलताओं को रोकता है और परिणाम में सुधार करता है। नए एंटीवेनम की प्रभावकारिता और सुरक्षा उत्कृष्ट होती है। नतीजतन, एंटीवेनम के प्रति प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं अब बहुत दुर्लभ और आमतौर पर हल्की होती हैं, जिससे उनके नियमित उपयोग के बारे में किसी भी अनिच्छा को सीमित करना चाहिए। इम्यूनोथेरेपी का समर्थन करने के लिए लक्षणात्मक उपचार अभी भी आवश्यक है, विशेष रूप से अस्पताल में देरी से आने के मामलों में। किसी भी स्तिथि में पीड़ित को शीघ्र नजदीकी चिकित्सा केंद्र में लेकर जाना चाहिए ।
बिच्छू के डंक मारने के लक्षण क्या हैं?
बिच्छू के डंक मारने के बाद निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं। जैसे-
- पूरे शरीर का सुन्न पर जाना
- सांस लेने में कठिनाई
- भोजन निगलने में परेशानी
- बोलने में दिक्कत होना
- बेचैनी
- मांसपेशियों में खिंचाव
- हृदय की गति का बढ़ जाना
क्या माचिस की तीली से बिच्छू के डंक का उपचार संभव है?
माचिस की तीली में सबसे ऊपर हिस्से पर फास्फोरस लगाया जाता है, जो एक अत्यंत ज्वलनशील रासायनिक तत्व है। इसके अलावा पोटैशियम क्लोरेट, लाल फॉस्फोरस, ग्लू (गोंद), पिसा हुआ कांच, सल्फर और स्टार्च की मिलावट की जाती है। इन सबको सीधी अपनी त्वचा पर लगाना हानिकारक हो सकता है क्योंकि माचिस में अनेक तरह के रासायनिक तत्व मौजूद होते हैं।
जनरल फिजिशियन डॉ. कश्यप दक्षिणी ने इस वायरल दावे के बारे में बताया, “बिच्छू के काटने पर माचिस की तीली को लगाने को लेकर कोई शोध उपलब्ध नहीं है, जो इस बात का दावा करता हो कि माचिस की तीली से बिच्छू के डंक का उपचार संभव है। वहीं बिच्छू के काटने पर सबसे पहले उस स्थान को साबुन और पानी से धोना चाहिए। प्राथमिक चिकित्सा के तहत उस स्थान पर बर्फ या ठंडा पानी लगाना चाहिए।”
उन्होंने आगे बताया कि इसके बाद दर्द को कम करने के लिए anti-histamine ड्रग के साथ paracetamol या acetaminophen दवा ली जा सकती है। इसके अलावा Corticosteroid भी दी जा सकती है। बिच्छू काटने पर अगर प्राथमिक उपचार से राहत ना मिले, तो जल्द अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सकों से संपर्क करना चाहिए।
वहीं त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. ज्योति कन्नगनाथ ने बताया, “माचिस की तीली को सीधे तौर पर त्वचा के संपर्क में लाना हानिकारक हो सकता है क्योंकि इससे त्वचा में संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा इसमें कई तरह के रसायन होते हैं, जो ना केवल त्वचा को क्षति पहुंचा सकते है बल्कि संवेदनशील त्वचा के लिए गंभीर परिणाम भी दे सकते हैं। इसके अलावा संभावना है कि गलती से माचिस की तीली अगर आंख, मुंह या नाक में चली जाए, तो स्थिति बिगड़ सकती है। ऐसे में किसी तरह के प्रयोग करने से पहले चिकित्सक से जरुर संपर्क करें।”
अतः उपरोक्त शोध पत्र एवं चिकित्सक के बयान के आधार पर यह कहा जा सकता है कि यह दावा बिल्कुल गलत है। बिच्छू के काटने पर माचिस की तीली पानी में मिलाकर लगाने से जहर को नहीं उतारा जा सकता है। हमने पहले भी इस तरह के दावों की पड़ताल की है, जैसे- जोड़ों के दर्द को हमेशा के लिए ठीक करना एवं पुरुषों के लिंग के आकार को हर्बल औषधि के प्रयोग से बढ़ाना। इस तरह के भ्रामक दावों से दूर रहे एवं किसी तरह की समस्या होने पर अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श करें।
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