Last Updated on अप्रैल 23, 2024 by Neelam Singh
सारांश
एक वीडियो पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि दिन में दो बार ब्रश करने से दांत खराब हो जाते हैं। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा गलत है।
दावा
युट्युब पर जारी वीडियो पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि दो बार ब्रश करने से दांत खराब हो जाते हैं।
तथ्य जाँच
मौखिक स्वास्थ्य का क्या अर्थ है?
अपने दांतों और मुंह के हर हिस्से को स्वस्थ्य और साफ रखना बेहद जरुरी हो जाता है। शोध बताते हैं कि मौखिक स्वास्थ्य में ना केवल दांतों की समस्याएं हैं बल्कि मुंह और चेहरे का दर्द, मुंह और गले का कैंसर, मुंह के घाव, मसूड़ों के रोग, दांतों की सड़न और अन्य स्थितियां भी शामिल हैं।
इसके अलावा कुछ लोगों में स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां केवल ओरल हेल्थ मेंटेन ना रखने के कारण होती है। यही कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मौखिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए रणनीति को लागू किया है।
ब्रश करने का सही तरीका क्या है?
यहां ब्रश करने की उचित तकनीक पर विस्तृत जानकारी दी गई है:
- ब्रश को सही एंगल में रखें: अपने ब्रश को अपनी मसूड़ों की रेखा से 45 डिग्री के कोण पर पकड़ें।
- जोर से ना रगड़े: हल्के आगे-पीछे के स्ट्रोक का उपयोग करें जो दांत की चौड़ाई के बराबर हों। जोर से मत रगड़े। साथ ही मुलायम ब्रिसल वाला टूथब्रश का इस्तेमाल करें। फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें।
- सभी सतहों को ब्रश करें: प्रत्येक दांत की सतह को व्यवस्थित रूप से साफ करें। बाहरी सतह (ऊपरी और निचले दोनों दांत), दांतों की भीतरी सतह, बैक्टीरिया हटाने और सांसों को ताज़ा करने के लिए अपनी जीभ को धीरे से ब्रश करें।
- ब्रश करने का समय: हर बार कम से कम 2 मिनट ब्रश करने का लक्ष्य रखें। शोध भी बताता है कि कम से कम दो बार ब्रश करना जरुरी है। आपके दंत चिकित्सक या स्वास्थ्य विशेषज्ञ आपके दंत स्वास्थ्य और जरूरतों के आधार पर आपको अधिक सलाह दे सकते हैं।
- अपने टूथब्रश को हर 3-4 महीने में बदलें या यदि ब्रिसल्स घिसे हुए हों तो उससे पहले बदलें।
- दांतों के बीच प्लाक को हटाने के लिए फ्लॉस करना या किसी अन्य इंटरडेंटल क्लीनर का उपयोग करना भी जरुरी है।
क्या दो बार ब्रश करने से दांत खराब होते हैं?
नहीं। हमने पहले भी इस बात का उल्लेख वैज्ञानिक प्रमाण के साथ किया है कि कि कम से कम दो बार ब्रश करना जरुरी है। हमारा मुंह लगातार बैक्टीरिया और कीटाणुओं से भरा रहता है, जो मुंह के अंदर बढ़ते और फैलते रहते हैं। दिन में दो बार अपने दांतों को ब्रश करने से यह सुनिश्चित हो जाएगा कि यह खराब बैक्टीरिया नष्ट हो गए हैं या तत्काल प्रभावहीन हो गए हैं। यदि आप सुबह अपने दांतों को ब्रश करते हैं और पूरे दिन बिना ब्रश किए रहते हैं, तो बैक्टीरिया का निर्माण आपके दांतों के इनेमल को नुकसान पहुंचाना शुरू कर सकता है और मसूड़ों एवं जड़ों को कमजोर कर देगा, जिससे सड़न होने लगेगी। इससे सांसों की दुर्गंध भी बढ़ सकती है।
इस विषय में दंतरोग विशेषज्ञ डॉ. पूजा भारद्वाज (BDS) ने बताया, “दो बार ब्रश करना दांतों एवं मुंह से समग्र विकास एवं स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। हमेशा हल्के हाथों से ही ब्रश करना चाहिए। कभी भी रगड़कर ब्रश करने से बचना चाहिए क्योंकि ये इनेमल की परत में घिसाव उत्पन्न कर सकता है। स्वस्थ दांतों और मसूड़ों के लिए हर छह महीने के दांतों की जांच की सलाह दी जाती है।”
वहीं दंत चिकित्सतक डॉ. प्रत्यसा बागची बताती हैं, “ब्रश करने के लिए मुलायम ब्रिसल वाले ब्रश और फ्लोराइडयुक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि ये दांतों को सड़ने से बचाता है। कम से कम दो बार ब्रश करना और खाना खाने के बाद अच्छी तरह से मुंह को साफ करना मौखिक स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है।”
दांतों की सड़न का क्या अर्थ है और वे क्यों होती हैं?
दांतों की सड़न का प्रमुख कारण दांतों में मौजूद बैक्टरिया है, जो दांतों में रहकर एक प्रकार के द्रव का रिसाव करते हैं, जिसकी प्रकृति एसिडिक यानी की अम्लीय होती है। ये बैक्टरिया दांतों की ऊपरी परत, इनेमल को प्रभावित करते हैं। इससे दांतों में छोटे गड्ढे हो जाते हैं और दांत सड़ने लगते हैं। आमतौर पर बैक्टरिया तब भी आक्रमण करते हैं, जब कोई व्यक्ति मीठे चीजों का लगातार सेवन करता है और अपने मुंह एवं दांतों को साफ नहीं रखता है।
दांतों की सड़न का सबसे पहला संकेत आमतौर पर एक सफेद धब्बा होता है, जो इनेमल में खनिज की हानि का संकेत देता है। हालांकि इस वक्त अगर किसी अच्छे दंत चिकित्सक से संपर्क किया जाए, तब दांतों को सड़न से बचाया जा सकता है। वहीं इस स्तर पर मुंह के लार से प्राप्त खनिजों, टूथपेस्ट से मिलने वाले फ्लोराइड से इनमेल स्वयं की मरम्मत भी कर सकता है।
अतः उपरोक्त शोध पत्रों एवं चिकित्सक के बयान के आधार पर कहा जा सकता है कि यह दावा बिल्कुल गलत है। हमने पहले भी इस तरह के दावों की जाँच की है। जैसे – टूटे हुए दांतों को दंत चिकित्सक के बिना बदला जा सकता है तथा आंखोंं की रौशनी पर हावी हो रही चूल्हे की रौशनी आलेख भी पढ़ सकते हैं।
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