Last Updated on मार्च 19, 2024 by Neelam Singh
सारांश
एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी जारी की है कि मिलावटी दूध के कारण 2025 तक भारत में 87 फीसदी लोग कैंसर से पीड़ित होंगे। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा गलत है।
दावा
एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी जारी की है कि मिलावटी दूध के कारण 2025 तक भारत में 87 फीसदी लोग कैंसर से पीड़ित होंगे।
तथ्य जाँच
क्या विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह दावा किया है?
नहीं। जब हमने इस फेसबुक पोस्ट का तथ्य जानने के लिए जानकारी इकट्ठी करनी शुरु कि तब पाया कि 19 जनवरी 2023 को प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो की तरफ से इस संबंध में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया था है कि मिलावटी दूध के बारे में अफवाह फैलाई जा रही है। प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है- ”मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के पशुपालन और डेयरी विभाग के संज्ञान में यह आया है कि भारत सरकार को WHO के परामर्श के बारे में एक मीडिया रिपोर्ट में कथित तौर पर कहा गया है कि दूध और दूध उत्पादों में मिलावट को तुरंत नहीं रोका गया तो वर्ष 2025 तक 87 प्रतिशत नागरिक कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होंगे। इस प्रकार की झूठी सूचना को फैलाना उपभोक्ताओं में अनावश्यक डर पैदा कर रहा है।”
साथ ही इसमें लिखा है कि विभाग ने इस संबंध में सूचित किया है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के परामर्श से विभाग में इस मामले की पहले ही जांच की जा चुकी है। भारत में WHO के कंट्री कार्यालय ने FSSAI को पुष्टि की कि WHO द्वारा भारत सरकार को ऐसा कोई परामर्श जारी नहीं किया गया है।
विभाग ने दोहराया है कि सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर सर्कुलेट की जा रही इस तरह की झूठी जानकारी को किसी भी तरह से महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग (DHT) और FSSAI देश भर में उपभोक्ताओं को सुरक्षित और अच्छी गुणवत्ता वाले दूध की आपूर्ति में मदद करने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। इसकी जानकारी PIB ने अपने आधिकारिक X (ट्विवटर) अकाउंट के जरिए भी दी है।
साथ ही WHO ने भी अपनी ओर से आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा है कि मिलावटी दूध से उससे बनने वाले पदार्थ को लेकर WHO ने भारत सरकार को ऐसी कोई सलाह नहीं दी है।
मिलावटी दूध का पता कैसे चलता है?
कुछ घरेलू परीक्षण हैं, जिनसे आप यह पता लगा सकते हैं कि दूध मिलावटी है या नहीं, लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि ये घरेलू परीक्षण कोई रामबाण तरीका नहीं है। निश्चित परिणामों के लिए आपको किसी प्रयोगशाला द्वारा परीक्षण कराना होगा। ये तरीके सरकार द्वारा जारी वेबसाइट के तहत दी गई जानकारी से ली गई है।
- पानी की मात्रा: दूध की एक बूंद को तिरछी सतह पर रखें। शुद्ध दूध या तो वहीं रुका रहेगा या धीरे-धीरे बहेगा और सफेद निशान छोड़ देगा। यदि दूध में पानी डाला जाए तो वह बिना कोई निशान छोड़े तुरंत बह जाएगा।
- डिटर्जेंट: एक कंटेनर में बराबर मात्रा में दूध और पानी मिलाएं। इसे जोर से हिलाएं। यदि मिश्रण झाग की मोटी परत बनाता है, तो यह डिटर्जेंट का संकेत हो सकता है। शुद्ध दूध से केवल झाग की एक पतली परत निकलेगी।
अतः उपरोक्त बयानों को मद्देनजर रखते हुए, यह कहा जा सकता है कि यह दावा बिल्कुल गलत है। इसे लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न करने के लिए साझा किया गया है। हमने पहले भी इस तरह के भ्रम फैलाने वाले वायरल दावों की पड़ताल की है, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं।
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