Last Updated on मार्च 19, 2024 by Neelam Singh
सारांश
फेसबुक पर वीडियो पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि नाभि सूत्र चिकित्सा पद्धति द्वारा नाभि में तेल डालने से मधुमेह को कम किया जा सकता है। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि दावा गलत है।
दावा
फेसबुक पर वीडियो पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि नाभि सूत्र चिकित्सा पद्धति द्वारा नाभि में श्री राम कूपा नाभी तेलम डालने से मधुमेह को कम किया जा सकता है। इस वीडियो में एक रिपोर्टर है, जो वहां मौजूद दो लोगों से उनका विचार लेता है कि उन्हें नाभि में यह तेल डालने से क्या लाभ हुआ, तो वहां मौजूद एक महिला बताती है कि जब से उसने नाभि में यह तेल डालना शुरु किया है, तब से मधुमेह के स्तर में कमी दर्ज हुई।
तथ्य जाँच
मधुमेह क्या होता है?
मधुमेह आजीवन रहने वाली बीमारी है, जो दो प्रकार की होती है, इसे टाइप 1 और टाइप 2 कहा जाता है। टाइप- 1 में मरीज के शरीर की रोग-प्रतिरोधक प्रणाली पेनक्रियाज की कोशिकाओं पर आक्रमण कर देती है, जिस कारण शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है।
वहीं टाइप 2 में पेनक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाती या इंसुलिन का सही मात्रा में उपयोग नहीं कर पाती। सही मात्रा में इंसुलिन का उपयोग ना हो पाने से वे रक्त कोशिकाओं में ही रह जाते हैं और शरीर की जरुरते पूरी नहीं हो पाती हैं। साथ ही उच्च मधुमेह का स्तर नसों, रक्त वाहिकाओं और अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इससे हृदय, स्ट्रोक, किडनी संबंधित और अंधापन जैसी गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं।
मधुमेह होने के अन्य कारण क्या हो सकते हैं?
मधुमेह होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-
- आनुवंशिकी: मधुमेह का पारिवारिक इतिहास होने से भी आने वाली पीढ़ी को मधुमेह होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है क्योंकि कुछ जीन बीमारी विकसित होने के प्रति अधिक संवेदनशील बन सकते हैं।
- आयु: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा बढ़ता जाता है। वहीं अधिकांश मामलों में इसका पता 45 वर्ष की आयु के बाद चलता है।
- प्रीडायबिटीज: यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक होता है लेकिन इतना अधिक नहीं होता कि इसे मधुमेह के रूप में वर्गीकृत किया जा सके। यदि ध्यान ना दिया जाए, तो प्रीडायबिटीज अक्सर टाइप 2 डायबिटीज में बदल सकती है।
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS): पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
- गर्भावधि मधुमेह (Gestational diabetes): गर्भावस्था के दौरान मधुमेह का एक अस्थायी रूप टाइप 2 मधुमेह के रुप में विकसित हो सकता है।
- शारीरिक निष्क्रियता: नियमित शारीरिक गतिविधि की कमी भी इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान कर सकती है और मधुमेह के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती है।
- उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल: उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होने से मधुमेह सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है।
- आहार: अस्वास्थ्यकर वसा, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, अतिरिक्त शर्करा और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आहार का सेवन करने से भी टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा बढ़ सकता है।
नाभि सूत्र चिकित्सा पद्धति क्या है?
नाभि सूत्र एक पारंपरिक भारतीय चिकित्सीय पद्धति है, जिसमें विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए नाभि पर विशिष्ट तेल या हर्बल पेस्ट लगाना या नाभि में विशिष्ठ जड़ी-बुटियों से बना तेल डालना शामिल है। इस तेल का प्रचार-प्रसार करने वाले समर्थकों का दावा है कि यह मधुमेह को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है लेकिन इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
शोध बताते हैं कि आयुर्वेद में नाभि की अवधारणा अनेक रुप में मौजूद है लेकिन इस ओर अभी और अन्वेषण एवं गहन अध्ययन की आवश्यकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सका पद्धति में इसे Koshthanga, Marma, Sira और Dhamani Prabhava Sthana के तौर पर जाना जाता है। नाभि महत्वपूर्ण संरचनात्मक स्थलों में से एक है, जिसका उपयोग चिकित्सकों द्वारा सदियों से निदान और उपचार दोनों का मार्गदर्शन करने के लिए किया जाता है। साथ ही आयुर्वेद के अनुसार नाभि अग्नि का स्थान है। यह पाचन, पेशाब और गठन प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है इसलिए, नाभि से जुड़ी चिकित्सीय पद्धति इन शारीरिक कार्यों को विनियमित करने में मदद कर सकती है। हालांकि नाभि द्वारा किसी बीमरी का इलाज करने को लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है, जो गंभीर एवं लाइलाज बीमारी को ठीक करे या नियंत्रित करे।
क्या नाभि सूत्र चिकित्सा पद्धति द्वारा मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है?
नहीं। देखा जाए, तो फेसबुक पर जारी वीडियो में एक लिंक भी मौजूद है, जिसे क्लिक करने पर एक नई विंडो खुलती है। जिसमें NABHI SUTRA THERAPY OIL |BUY 1 GET 1 FREE| नाम से एक ऑफर चलाया जा रहा है और उसमें भी इस तेल के जरिए कई तरह की बीमारियों का निदान करने की बात की गई है।
बहरहाल, मधुमेह के स्तर को नियंत्रित करने की बात भी इस वेबसाइट में की गई है और यही बात फेसबुक पर एक महिला ने भी इस तेल के प्रचार के दौरान की है। हालांकि मधुमेह को नाभि या पेट के आसपास किसी प्रकार के तेल द्वारा नियंत्रित करने को लेकर कोई वैज्ञानिक प्रमाण या शोध पत्र मौजूद नहीं है।
American Diabetes Association (ADA) द्वारा जारी शोध पत्र के अनुसार वर्तमान में मधुमेह का कोई इलाज नहीं है। मधुमेह को नियंत्रित करने या इसके स्तर को कम करने को लेकर मुख्य रूप से जीवनशैली में बदलाव, दवाएं और कुछ मामलों में इंसुलिन थेरेपी शामिल है। वे मधुमेह के इलाज के रूप में नाभि सूत्र थेरेपी या चिकित्सा पद्धति का समर्थन नहीं करते हैं।
डॉ. पी. राममनोहर, रिसर्च डायरेक्टर, अमृता आयुर्वेदा, बताते हैं कि नाभि में तेल डालने या किसी विशेष प्रकार के तेल का नाभि के आसपास मसाज करने व मधुमेह को नियंत्रित करने के संबंध में आयुर्वेदिक ग्रंथों में कोई उल्लेख नहीं मिलता है। साथ ही नाभि में तेल के इस्तेमाल एवं मधुमेह के इलाज या उसके नियंत्रण को लेकर कोई प्रमाण नहीं है।
मधुमेह या किसी अन्य चिकित्सीय स्थिति के लिए नाभि सूत्र चिकित्सा पद्धति सहित किसी भी वैकल्पिक उपचार का उपयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे आपकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के आधार पर एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार योजना विकसित करने में आपकी सहायता कर सकते हैं। हमने पहले भी मधुमेह संबंधित भ्रामक दावों की पड़ताल की है, जिसे आप पढ़ सकते हैं और अपने परिवारजनों के साथ साझा कर सकते हैं, ताकि वे किसी भी प्रकार के भ्रामक दावों से बचें रहें।
Disclaimer: Medical Science is an ever evolving field. We strive to keep this page updated. In case you notice any discrepancy in the content, please inform us at [email protected]. You can futher read our Correction Policy here. Never disregard professional medical advice or delay seeking medical treatment because of something you have read on or accessed through this website or it's social media channels. Read our Full Disclaimer Here for further information.