Last Updated on अप्रैल 10, 2024 by Neelam Singh
सारांश
एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि नाभि में तेल डालने से सभी प्रकार की बीमारियों से छुटकारा हो जाएगा। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा बिल्कुल गलत है।
दावा
फेसबुक पर जारी एक वीडियो पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि नाभी में तेल डालने से सभी प्रकार के बीमारी से छुटकारा हो जाएगा। किसी भी तरह की दवाई खाने की जरुरत नहीं है। इस वीडियो में 70 तरह की बीमारियों से मुक्ति की बात की जा रही है।
तथ्य जाँच
नाभि सूत्र चिकित्सा पद्धति क्या है?
नाभि सूत्र एक पारंपरिक भारतीय चिकित्सीय पद्धति है, जिसमें विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए नाभि पर विशिष्ट तेल या हर्बल पेस्ट लगाना या नाभि में विशिष्ठ जड़ी-बुटियों से बना तेल डालना शामिल है।
शोध बताते हैं कि आयुर्वेद में नाभि की अवधारणा अनेक रुप में मौजूद है लेकिन इस ओर अभी और अन्वेषण एवं गहन अध्ययन की आवश्यकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सका पद्धति में इसे Koshthanga, Marma, Sira और Dhamani Prabhava Sthana के तौर पर जाना जाता है। नाभि महत्वपूर्ण संरचनात्मक स्थलों में से एक है, जिसका उपयोग चिकित्सकों द्वारा सदियों से निदान और उपचार दोनों का मार्गदर्शन करने के लिए किया जाता है।
साथ ही आयुर्वेद के अनुसार नाभि अग्नि का स्थान है। यह पाचन, पेशाब और गठन प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है इसलिए नाभि से जुड़ी चिकित्सीय पद्धति इन शारीरिक कार्यों को विनियमित करने में मदद कर सकती है। हालांकि नाभि द्वारा किसी बीमारी का इलाज करने को लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है, जो गंभीर एवं लाइलाज बीमारी को ठीक करे या नियंत्रित करे।
डॉ. पी. राममनोहर, शोध निदेशक, अमृता स्कूल ऑफ आयुर्वेद, बताते हैं कि नाभि में तेल डालने या किसी विशेष प्रकार के तेल का नाभि के आसपास मालिश करने से बीमारियोंके ठीक होने में कोई सम्बन्ध नहीं है और न ही शास्त्रीय आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसका कोई उल्लेख मिलता है। साथ ही नाभि में तेल के इस्तेमाल एवं मधुमेह के इलाज या उसके नियंत्रण को लेकर कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
क्या इस बात का वैज्ञानिक प्रमाण है कि नाभि में तेल डालने से हृदय, मधुमेह या यकृत रोग से बचाव होता है?
नहीं। देखा जाए, तो साल 2014 में प्राचीन साहित्य की समीक्षा में नाभि मालिश चिकित्सा या नाभि सूत्र चिकित्सा पद्धति के नैदानिक प्रभावों का पता लगाया गया था, जिसमें रगड़ना, थपथपाना, ज़ोर लगाना और फुलाना जैसे तरीकों की जांच की गई थी। अध्ययन में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और स्त्री रोग संबंधी स्थितियों के इलाज में इसकी प्रभावशीलता का समर्थन करने वाले सबूत मिले थे। हालांकि इस धारणा का समर्थन करने वाला कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि नाभि में तेल डालने से हृदय रोग, मधुमेह या यकृत रोग से बचाव होता है।
लेकिन जब हमने मालिश के बारे में शोध किया तो हमें पता चला कि मालिश करने की चिकित्सीय पद्धति से चिंता, अवसाद और पुराने दर्द जैसे लक्षणों को कम करके उच्च रक्तचाप के रोगियों को लाभ मिलता है। अध्ययनों से रक्तचाप और कोर्टिसोल के स्तर में कमी का संकेत भी मिलता है। हालांकि शोध की गुणवत्ता भिन्न होती है क्योंकि विभिन्न तरीकों से मालिश करने से मिश्रित परिणाम मिलते हैं।
मालिश के साथ अरोमा (aroma) जैसी चिकित्सा पद्धति जोड़ने से प्रभावशीलता बढ़ सकती है लेकिन व्यायाम जैसी प्रभावशीलता नहीं आ सकती। इसके अतिरिक्त, अनुसंधान में अभी और गहन शोध की आवश्यकता प्रतीत होती है, जो नाभि में तेल डालने और बीमारियों के प्रति ज्यादा सटीक जानकारी प्रदान कर सके।
साल 2001 में जारी एक अध्ययन के मुताबिक मधुमेह से ग्रसित बच्चों के पूरे शरीर की मालिश करने से ग्लूकोज के स्तर में कमी दर्ज हुई, जिससे माता-पिता और बच्चों दोनों में चिंता और अवसाद में कमी देखी गई। हालांकि परिणामों को मापने के तरीकों का उल्लेख नहीं किया गया था।
वहीं एक अन्य अध्ययन में क्लिनिकल स्टाफ ने मधुमेह के रोगियों को सांस लेने के निर्देश और हल्के स्पर्श दिए, जिसके परिणामस्वरूप रक्त शर्करा, चिंता, सिर दर्द, अवसाद, काम का तनाव और गुस्सा कम हुआ। साथ ही बेहतर नींद आई और पारिवारिक रिश्तों में सुधार हुआ। यहां भी किसी सांख्यिकीय महत्व का मूल्यांकन नहीं किया गया था और परिणाम माप के तरीके निर्दिष्ट नहीं किए गए थे।
एक अप्रकाशित परीक्षण में टाइप 2 मधुमेह वाले मरीज़, जिन्होंने 12 सप्ताह तक सप्ताह में तीन बार पूरे शरीर की मालिश की, उन्हें HbA1C के स्तर में विभिन्न बदलावों का अनुभव हुआ। वहीं कुछ रोगियों में कमी देखी गई, जबकि अन्य में वृद्धि देखी गई। साथ ही रोगी की विशेषताओं में अंतर भी देखा गया। प्रतीक्षा सूची के मरीजों में भी HbA1c के स्तर में गिरावट देखी गई।
इन दोनों अध्ययनों में विभिन्न शारीरिक त्रुटियों के कारण परिणाम सटीक नहीं थे और प्रतिभागियों के बीच परिणाम भी अलग-अलग थे। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रभावशीलता प्राप्त मालिश के प्रकार और उपयोग किए गए तेल के प्रकार पर भी निर्भर करती है। दोनों अध्ययनों ने अपने शोध में नाभि मालिश का उल्लेख नहीं किया है।
क्या सभी तरह के रोग ठीक हो सकते हैं?
नहीं। देखा जाए, तो वर्तमान समय में ऐसे कई रोग हैं, जो ठीक नहीं किए जा सकते। जैसे- कैंसर, मधुमेह, एचआईवी एड्स, इत्यादि। कैंसर स्पष्ट रूप से सबसे घातक बीमारी है क्योंकि तीन में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल के दौरान कैंसर होता है। शोध के अनुसार Oesophageal cancer सबसे घातक कैंसरों में से एक है और इसका इलाज करना मुश्किल है। साथ ही इस कैंसर का जल्दी पता लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि इस कैंसर के शुरुआती चरण में छोटे ट्यूमर अक्सर कम या कोई लक्षण उत्पन्न ही नहीं करते हैं, लेकिन अगर पता न चले तो Oesophageal cancer पेट, फेफड़े, लीवर और लिम्फ नोड्स सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैल सकता है। अंतिम मेटास्टेसिस चरण में ट्यूमर लाइलाज होता है और अंतिम चरण के अधिकांश उपचार केवल जीवन को बढ़ाने और लक्षणों से राहत देने पर केंद्रित होते हैं। Oesophageal को आम बोलचाल की भाषा में भोजन नली भी कहा जाता है, जो मुंह से शुरू होकर पेट तक जाती है।
क्या नाभि में तेल डालने की विधि कारगर है?
पेचोटी विधि (Pechoti method) में स्वास्थ्य कारणों से नाभि पर तेल या पदार्थ डालना शामिल है लेकिन इसका कोई पुख्ता वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। कुछ लोगों को अपनी मान्यताओं और अनुभवों के आधार पर यह मददगार लग सकता है, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर इसे व्यापक रूप से स्वीकार नहीं किया गया है इसलिए इसके प्रभावों के बारे में जानने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
इसके अलावा हमारे शोध के दौरान हमें ऐसा कोई शोध पत्र नहीं मिला, जिसमें विशेष रूप से ‘पेचोटी विधि’ शब्द का उल्लेख हो। जबकि अभ्यास करने वाले कुछ लोग लाभ का सुझाव देते हैं, लेकिन खोजे जाने पर उनके पास वैज्ञानिक मान्यता का अभाव होता है। ऐसे में इन स्वास्थ्य स्थितियों के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों द्वारा अनुशंसित साक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण पर भरोसा करना महत्वपूर्ण है।
हमने पहले भी उन दावों की तथ्य जांच की है, जिनमें कहा गया है कि नाभी में तेल डालने से मधुमेह को कम किया जा सकता है।
क्या फेसुबक पर जारी वीडियो और वेबसाइट भ्रामक है?
हां, क्योंकि जिस प्रकार सभी तरह के बीमारियों को ठीक करने का दावा किया जा रहा है, यह बिल्कुल मिथ्या है। जैसा कि हमने उल्लेख किया है कि नाभि सूत्र चिकित्सीय पद्धति सभी तरह की बीमारियों का इलाज नहीं कर सकती। इसके अलावा इस वीडियो के अंत में जो वेबसाइट (herbal.oil) लिंक संलग्न की गई, उसमें AYURVEDIC SHRI RAMBAN MULTI-BENEFIT NABHI OIL के नाम से तेल को बेचा जा रहा है और एक पर एक मुफ्त का ऑफर चलाया जा रहा है। इस तेल का नाम श्री राम कृपा नाभि तेलम बताया जा रहा है, लेकिन इसमें कही भी तेल में मौजूद सामग्री की जानकारी नहीं दी गई। साथ ही इस वेबसाइट पर कुछ स्क्रिनशॉट संलग्न है, जिससे इस तेल की उपयोगिता सिद्ध नहीं होती है।
अतः उपरोक्त शोध पत्रों एवं चिकित्सक के बयान के आधार पर कहा जा सकता है कि यह दावा बिल्कुल गलत है कि नाभि में तेल डालने से सभी तरह की बीमारियां ठीक हो जाएंगी और दवा खाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। बेहतर है कि इस तरह के दावों पर भरोसा करने से पहले आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें क्योंकि वो ही लक्षणों को समझते हुए सही उपचार बता सकते हैं।
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