सारांश

एक सोशल मीडिया पोस्ट द्वारा दावा किया जा रहा है कि सौंफ, बादाम, मिश्री, सफेद गोल मिर्च एवं दूध का सेवन करने से आंखों की रौशनी में सुधार किया जा सकता है। जब हमने इस पोस्ट का फैक्ट चेक किया तब पाया कि यह दावा अधिकांशतः झूठ है ।
दावा
इस सोशल मीडिया पोस्ट पर सौंफ, बादाम, मिश्री, सफेद गोल मिर्च एवं दूध का सेवन करने से आंखों की रौशनी में सुधार करने की बात की जा रही है। इस वीडियो को अब तक 2,697,065 बार देखा जा चुका है।
तथ्य जांच
क्या बादाम, सौंफ और अन्य उपरोक्त लिखित पदार्थ आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं?
हाँ। बादाम और सौंफ दोनों ही आंखों के लिए अच्छे माने जाते हैं। एक अध्ययन के अनुसार सौंफ ग्लुकोमा में राहत देने का काम कर सकता है। वहीं बादाम का उल्लेख हार्वर्ड हेल्थ ब्लॉग की सर्वश्रेष्ठ खाद्य पदार्थों की सूची में मिलता है, जिसमें कहा गया है कि बादाम द्वारा आंखों को सुरक्षात्मक परत प्रदान की जा सकती है। इस शोध के अनुसार दूध में मौजूद विटामिन-ए आंखों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं लेकिन रौशनी नहीं बढ़ा सकते। हालांकि सफेद गोल मिर्च को लेकर कुछ शोध मौजूद हैं, जो बताते हैं कि सफेद गोल मिर्च मोतियाबिंद एवं आंखों की रौशनी में सुधार करने की क्षमता रखते हैं।
क्या बढ़ सकती है आंखों की रौशनी?
नहीं। बादाम, सौंफ, मिश्री, सफेद गोल मिर्च एवं दूध का सेवन आंखों की रौशनी नहीं बढ़ा सकता है।

डॉ. नवीन गुप्ता, डीएनबी (ऑप्थल्मोलॉजी) कहते हैं, ”आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा” और ‘दृष्टि में सुधार कर सकते हैं’ कथन में अंतर है। ज्यादातर लोग इन दोनों के बीच भ्रम की स्थिति में रहते हैं। सौंफ में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है, जो आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए एक बेहतर स्त्रोत है। वहीं बादाम में विटामिन ई की मात्रा अधिक होती है, जो आंखों की उम्र से संबंधित Age-Related Macular Degeneration (एएमडी) या मोतियाबिंद को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन आंखों की रोशनी बढ़ाने से अगर आपका मतलब है कि चश्मे की संख्या कम की जा सकती है, तो ऐसा हरगिज नहीं है।
साथ ही अनुसंधान भी डॉ. गुप्ता के विचारों से सहमत नज़र आते हैं। जैसे – इन शोध पत्रों के अनुसार मोतियाबिंद और एएमडी के प्रभावों को कम करने में आहार एक अहम भुमिका निभाते हैं लेकिन सभी शोध के निष्कर्ष एक समान नहीं थे।

नेत्र सर्जन डॉ. आफताब आलम, एमबीबीएस, डीओ (नेत्र विज्ञान) कहते हैं, “ज्यादातर पौधे आधारित आहार आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अच्छे होते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे दृष्टि में सुधार करेंगे। ऐसे दावों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।”
आहार की है अहम भूमिका
आहार के माध्यम से नेत्र रोगों को ठीक करने या दृष्टि में सुधार के बारे में बहुत सीमित प्रमाण हैं जबकि आंखों की स्थिति को बेहतर बनाए रखने में आहार एक अहम भूमिका निभाते हैं। जैसे- कैरोटीनॉयड, विटामिन सी एवं ई, सेलेनियम तथा जिंक से भरपूर आहार लेना फायदेमंद हो सकता है।

आहार विशेषज्ञ डॉ. रंजनी रमन कहती हैं, “आंखों की रोशनी के लिए आमतौर पर वे खाद्य पदार्थ फायदेमंद होते हैं, जो वृद्ध, वयस्कों में आंखों और दृष्टि के वर्तमान कामकाज को बनाए रखने की क्षमता रखते हैं। साथ ही बढ़ती उम्र के साथ विटामिन-ए का सेवन भी आंखों के लिए फायदेमंद होता है।
अंततः उपरोक्त उल्लिखित शोधों व डॉक्टर के बयानों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि आहार कुछ हद तक आँखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं परन्तु यह कहना कि आँखों की रौशनी बढ़ जाएगी या चश्मा हट जायेगा अधिकांशतः झूठ है।
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