सारांश

एक वेबसाइट द्वारा दावा किया जा रहा है कि 40 की उम्र के बाद यदि आँखों की रौशनी कम होती है तो उससे कैसे बचा जा सकता है। जब हमने इस पोस्ट की तथ्य जाँच की तब पाया कि यह तथ्य बिल्कुल गलत है और इसे केवल एक दवा के प्रचार के लिए भ्रामक तरीके से चलाया जा रहा है।
दावा
एक वेबसाइट द्वारा प्रकाशित समाचार द्वारा दावा किया जा रहा है कि 40 की उम्र के बाद भी अगर अंधापन हो, तो उससे कैसे बचें।

तथ्य जाँच
समाचार की पड़ताल क्यों जरुरी?
समाचार के तहत प्रकाशित इस खबर में अनेक बातें संदेहास्पद दिखाई देती हैं। जैसे – इस वेबसाइट का कोई सुरक्षित पता नहीं है और ना ही यह वेबसाइट पूरी है बल्कि इसमें कई तरह के symbols मौजूद हैं और यह पूरी वेबसाइट ही गलत प्रतीत होती है। इस खबर में मौजूद तस्वीरें भी फेक हैं क्योंकि Google Reverse Image Search करने पर इनके stock images आसानी से मिल रहे हैं। साथ ही डॉक्टर गौरव सिंह की तस्वीर भी एक दूसरे वेबसाइट में खुलती है और नेत्र रोग विशेषज्ञ सुशांत मिश्रा एक अन्य वेबसाइट पर Dr. Mohamed Abdus Samad हैं। स्क्रीनशॉट संल्गन है:

साथ ही जिन लोगों ने रिव्यू दिया है, उनमें से अधिकांश stock images हैं, जिसका मतलब यह है कि रिव्यू भी झूठे हैं। जैसे – सुनील सचदेवा का रिव्यू भी फेक है क्योंकि तस्वीर pexels पर मौजूद है,आदि।
क्या ४० वर्ष के बाद भी दृष्टि में सुधार बनाये रखा जा सकता है?

आंखों का विकास कई मानकों पर निर्भर करता है। जैसे – दिनचर्या, खानपान, समय-समय पर नेत्र जाँच, आनुवांशिकता आदि लेकिन आंखों की रौशनी वापस आने को लेकर कोई प्रमाण या शोधपत्र मौजूद नहीं हैं। डॉ. नवीन गुप्ता, डीएनबी (ऑप्थल्मोलॉजी) इस समाचार के बारे में कहते हैं, ”आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा” और ‘दृष्टि में सुधार कर सकते हैं’ इन दोनों कथन में अंतर है और ज्यादातर लोग इन दोनों के बीच भ्रम की स्थिति में रहते हैं क्योंकि आंखों की रोशनी बढ़ाने से अगर मतलब चश्मे की संख्या कम करने से है, तो ऐसा हरगिज नहीं है।”
Medicine Net द्वारा प्रकाशित Blindness: Causes, Types & Treatment आलेख के अनुसार डायबिटीज, Macular Degeneration, Traumatic injuries, Glaucoma अंधापन के मुख्य कारण हैं। अंधापन भी कई प्रकार के हो सकते हैं, जैसे- colour blindness, night blindness, snow blindness. इस आलेख के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को retinal detachment के कारण अंधापन हुआ हो, तो उसे ठीक नहीं किया जा सकता। आंखों के रोगों का निदान केवल उसके कारणों को जानकर ही किया जा सकता है लेकिन अंधापन को ठीक किया जा सके, ऐसा कोई प्रमाण या शोधपत्र नहीं है।
हालांकि हम इस बात का बिल्कुल दावा नहीं करते कि यह दावा आंखों के लिए कारगर है या नहीं परन्तु इस दवा से सम्बंधित लेखों में जो नाम, फोटो आदि इस्तेमाल किये गए हैं वे पूर्णतया गलत हैं। साथ ही इस तरह के आलेख कई जगह मौजूद हैं मगर उनमें फर्क केवल इतना है कि वहां नाम, सब-हेडिंग बदल दिए गए हैं। जैसे- Quora, न्यूज आप तक उत्तराखंड, Avormin पर भी ऐसी खबरें मौजूद हैं। वहीं crystalix दवा के फेसबुक पेज पर भी ऐसी खबर मौजूद है। हमारे शोध के दौरान हमने पाया कि इस वेबसाइट पर प्रकाशित आलेख को कई बार बदला जा रहा है और नया लेख दिखाई दे रहा है।
उपरोक्त विवरण के आधार पर कहा जा सकता है कि इस तरह की खबर केवल आम लोगों में भ्रामकता फैलाने का काम करती है।
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