बहन की परेशानी देख बदल दी हजारों की जिंदगी 

जब किसी काम में संतोष मिले, तो उससे बेहतर कुछ भी नहीं होता और अगर आपके कारण किसी की जान बच जाए, तो कहने ही क्या.. मदुरई के रहने वाले सेंथिल कैसे हुए चेंजमेकर्स की कड़ी में शामिल, जानने के लिए पढ़िए..

मां बनने के लिए जितना मानसिक तौर पर स्वस्थ रहने की आवश्यकता होती है, उतनी ही आवश्यकता शारीरिक मजबूती की भी होती है। किसी एक को भी नज़रअंदाज करना ना केवल आने वाली पीढ़ी के लिए खतरा हो सकता है बल्कि मां बन रही महिला के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। अगर मां बनने से पहले एक महिला की प्रसव पूर्व देखभाल भली भांति की जाए, तो स्थिति को कई तरीकों से सुधारा जा सकता है मगर अफसोस! ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाएं इस देखभाल से कोसों दूर हैं। 

आंकड़ें बताते हैं, 78% ग्रामीण महिलाएं प्रसव पूर्व जांच प्रक्रियाओं से वंचित हैं। यह खाई बहुत गहरी है, जिसे पाटना बेहद आवश्यक है क्योंकि जब तक गांवों की सेहत नहीं सुधरेगी तब तक एक स्वस्थ भारत का निर्माण असंभव है। मदुरई के रहने वाले सेंथिल कुमार मुरूगेशन (Senthil Kumar Murugesan) ने इस दूरी को कम करने की शुरूआत की है, जिसमें उन्होंने केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडू में करीब 30 लाख महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच उपलब्ध कराई है, जिसमें 14,328 गांव भी शामिल हैं। 

गर्भावस्था में स्वास्थ्य डेटा है जरूरी

33 वर्षीय सेंथिल बताते हैं, “उच्च जोखिम वाली महिलाओं की पहचान आमतौर पर तीसरी तिमाही में होती है, जो गर्भावस्था के आठवें महीने के आसपास होती है। हालांकि इस समय तक प्रसव से पहले होने वाली जटिलताओं को प्रभावी ढंग से कम करने में अक्सर बहुत देर हो चुकी होती है, जिससे घातक परिणाम हो सकते हैं। वर्तमान में सभी जानकारियां कागज़ों पर पंजीकृत की जाती हैं, जिस कारण यदि किसी महिला की मृत्यु इन कारणों से होती है, तब भी मृत्यु के पीछे का कारण अज्ञात रहता है। ऐसे में डाटा के अभाव में किसी भी प्रकार का विश्लेषण करना सभंव नहीं होता है।”

बहन की चिंता में बनाई ऐसी डिवाइस जो बचा रही है अन्य गर्भवती महिलाओं की जान 

ऐसा नहीं है कि सेंथिल ने अचानक इस खाई को कम करने का निर्णय ले लिया बल्कि उनकी खुद की भी एक कहानी है, जिसने उन्हें यह कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। साल 2016 में उनकी बहन गर्भवती थी। उनकी बहन एक कामकाजी महिला हैं, जिससे समय की कमी के कारण वे प्रसव पूर्व जांच से चूक जाती थीं। इसके अलावा उनके गांव से अस्पताल भी काफी दूरी पर था, जिस कारण वे समय-समय पर जांच के लिए नहीं जा पाती थीं। इसी कारण एक भाई को अपनी बहन की चिंता हुई और उन्होंने एक ऐसे डिवाइस को विकसित करने का प्रयास किया, जो मधुमेह और रक्तचाप पर निगरानी रख सके। वे कहते हैं, ”मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मेरी बहन किसी भी जटिलता के साथ लेबर रूम में ना जाए।”

शुरुआत की नई दिशा का पहला कदम

सेंथिल को बतौर इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग में कई वर्षों का अनुभव है। उन्होंने सात साल तक सैमसंग और क्वालकॉम जैसी कंपनियों के साथ काम किया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में प्रसव पूर्व जांच की कमी को दूर करने के लिए उन्होंने साल 2019 में JioVio हेल्थकेयर शुरू किया, जो एक IoT-आधारित मातृ स्वास्थ्य देखभाल स्टार्टअप है, जो घर पर प्रारंभिक जोखिम निगरानी सेवाएं प्रदान करता है। इसे Savemom नामक वेबसाइट पर देखा जा सकता है। 1000-दिवसीय देखभाल कार्यक्रम के माध्यम से उन्होंने अब तक कम से कम 7,320 गर्भवती महिलाओं की मदद की है, जो प्रसव पूर्व होने वाली जटिलताओं से ग्रसित थीं।

Save Mom 1
Save Mom 2
Save Mom 3

जांच के लिए घंटों के इंतजार से छुटकारा

अपनी बहन के लिए एक सरल उपकरण बनाने के बाद सेंथिल को विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों की महिलाओं की सहायता करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने आगे बताया, “इस अनुभव से मुझे महसूस हुआ कि प्रसव पूर्व देखभाल के लिए अस्पतालों में जाने पर महिलाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें लगता है कि संक्षिप्त परामर्श के लिए पांच से छह घंटे की प्रतीक्षा करना और लंबी दूरी की यात्रा करना बेहद थका देने वाली प्रक्रिया है। यही कारण है कि वे जांच को अगले महीने के लिए स्थगित कर देती हैं, जिससे समय पर किसी जटिलता का पता नहीं चल पाता है।” 

काम की सरल प्रक्रिया

ग्रामीण महिलाओं तक पहुंचने की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए सेंथिल कहते हैं, “हम राज्य सरकारों के साथ काम करते हैं। सचिव से संपर्क करने के बाद हमें उन जिलों की जानकारी मिलती है, जहां मातृ मृत्यु दर का आंकड़ा अधिक है। उसके बाद हम जिला कलेक्टर से संपर्क करते हैं, जो ब्लॉक स्तर के अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मियों और ग्रामीण महिलाओं को शामिल करते है। जब कोई ग्रामीण महिला गर्भवती होती है, तो उनके स्वास्थ्य पर नज़र रखने और मासिक जाँच करने के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग किया जाता है।

“हम स्वास्थ्य कर्मियों को AlloTricorder नामक अपना चिकित्सा उपकरण देते हैं। वे इसका उपयोग रक्तचाप, रक्त ग्लूकोज, ईसीजी और शरीर के तापमान जैसे महत्वपूर्ण मापदंडों को मापने के लिए करते हैं फिर वे Bluetooth के माध्यम से डेटा को एप्लिकेशन में डिजिटल रूप से स्थानांतरित करते हैं।”

“अस्पतालों में एकत्र किया गया डेटा वही है, जो हम घर पर एकत्र करते हैं। हमारा विचार इस डेटा को मरीज के घर पर ही इकट्ठा करना था इसलिए यदि प्रयोगशाला परीक्षण आवश्यक हैं, तो हम उनके घरों से नमूने एकत्र करते हैं।” 

अन्य डिवाइस से भिन्न

सेंथिल कहते हैं, “हमारी डिवाइस बाज़ार में उपलब्ध अन्य डिवाइसों से भिन्न है क्योंकि बाज़ार में उपलब्ध डिवाइस खासतौर पर भ्रूण की जांच के लिए ही हैं। हालांकि हम अभी भी महिलाओं को हर महीने अस्पताल जाने की सलाह देते हैं, जहां डॉक्टर मासिक डेटा की समीक्षा कर सकते हैं और उसके अनुसार दवा लिख सकते हैं।” वर्तमान में उनके साथ 15,000 स्वास्थ्यकर्मी एवं 2500 डॉक्टर कार्य कर रहे हैं। 

साथ ही सेंथिल ने Allowear नामक एक स्मार्ट डिवाइस भी बनाया है, जिसे कलाई या गर्दन में पहना जा सकता है। यह उन महिलाओं के लिए है, जिन्हें गर्भावस्था के दौरान अधिक खतरा है और निरंतर निगरानी की आवश्यकता होती है।

इस उपकरण के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया, बैटरी से चलने वाला यह उपकरण गर्भवती महिलाओं की नींद, कैलोरी (पोषक तत्वों की कमी का संकेत), नाड़ी की दर (pulse rate) और कदमों को पर नज़र रखता है। यह दवाएं लेने के लिए समय पर रिमांइडर भी भेजता है। उन्होंने बताया कि आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) कार्यकर्ता Bluetooth के माध्यम से रिकॉर्ड किए गए स्वास्थ्य डेटा को पुनः प्राप्त कर सकते हैं और इसे cloud पर अपलोड कर सकते हैं, जहां डॉक्टर समीक्षा के लिए इसे देख सकते हैं।

डॉक्टरों द्वारा होती हैं रिपोर्ट की समीक्षा

यह डेटा साप्ताहिक रूप से एकत्र किया जाता है और हर 15 दिनों में एक डॉक्टर द्वारा इसकी समीक्षा की जाती है। उच्च जोखिम वाली महिलाओं को गर्भावस्था के चौथे सप्ताह से लेकर बच्चे के दूसरे जन्मदिन तक 1,000 दिनों तक Allowear का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

इस सेवा की लागत केवल 1 रुपये प्रति दिन है, जो सरकार द्वारा वहन की जाती है। सेंथिल का कहना है कि उनका सालाना राजस्व करीब 1.5 करोड़ रुपये है। उन्होंने बताया, इन उपकरणों की मदद से हम महिलाओं के स्वास्थ्य पर नज़र रख सकते हैं और किसी भी तरह की समस्या होने पर त्वरित निदान की ओर बढ़ सकते हैं। कॉर्पोरेट जगत में पांच साल बिताने के बाद अंततः मैंने उद्यमिता को चुना क्योंकि इससे मुझे सीखने के अधिक अवसर मिलते हैं और यह काम मुझे संतुष्टि देता है क्योंकि हम अपने उपकरणों की मदद से लोगों की जान बचाने में सक्षम हैं।”

समाज में उनके इस योगदान के लिए उन्हें साल 2020 में 10th Anjani Mashelkar Inclusive Innovation Award से सम्मानित भी किया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें और भी कई अवार्ड मिल चुके हैं।

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