Last Updated on जनवरी 4, 2024 by Neelam Singh
काला चना एक पसंदीदा फली है, जिसकी खेती सदियों से की जाती रही है। ये भारतीय व्यंजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। काले चने का उपयोग करी, स्टयू और सलाद में खूब किया जाता है। काला चना ना केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है।
काले चने में प्रोटीन, फाइबर और अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं, रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और वजन प्रबंधन में सहायता करते हैं। ये कोलन कैंसर के खतरे को कम करने में भी मदद करते हैं। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि काले चने भारतीय व्यंजनों का एक अभिन्न अंग है और दुनिया भर के लोग इसका आनंद लेते हैं।
हृदय स्वास्थ्य में लाभकारी
काले चने में कई लाभकारी पोषक तत्व होते हैं। जैसे – एंटीऑक्सीडेंट, एंथोसाइनिन, फ्लेवोनोइड्स, डेलफिंडिन, इत्यादि। ये यौगिक रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ बनाए रखने और ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकने के लिए जरूरी होते हैं, जिससे हृदय रोग होने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा काले चने में फोलेट और मैग्नीशियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। फोलेट होमोसिस्टीन के स्तर को कम करने में मदद करता है, जो अंततः हृदय की समस्याओं के जोखिम को कम करता है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने में है लाभकारी
काले चने में मौजूद घुलनशील फाइबर में पित्त एसिड के साथ जुड़ने की क्षमता होती है, जिससे शरीर द्वारा इनका अवशोषण अवरुद्ध हो जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। प्रतिदिन लगभग 3/4 कप काले चने का नियमित सेवन एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, कुल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में सहायता करता है। इसके अलावा काले चने में आहार फाइबर की मात्रा अन्य खाद्य स्रोतों में पाए जाने वाले फाइबर से बेहतर होती है।
रक्त शर्करा को रखता है संयमित
काले चने में घुलनशील फाइबर होते हैं, जो रक्त शर्करा के अवशोषण को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका ग्लाइसेमिक सूचकांक भी कम होता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर में धीमी और मध्यम वृद्धि होती है। काले चने वजन प्रबंधन के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प हैं क्योंकि ये भूख को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। हर दिन आधा कप काले चने का सेवन करने से केवल एक सप्ताह में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।
प्रोटीन का है अच्छा स्रोत
शाकाहारियों के लिए काले चने पौधे आधारित प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत हैं। जब संपूर्ण अनाज या गेहूं के प्रोटीन के साथ मिला कर काले चनों का सेवन किया जाता है, तो ये प्रोटीन के बेहतर विकल्प के तौर पर सामने आते हैं। हालांकि इनमें अतिरिक्त उच्च कैलोरी या संतृप्त वसा की मात्रा कम होती है।
कैंसर के प्रबंधन में है लाभकारी
काले चने में घुलनशील फाइबर होते हैं, जो कोलन के लिए सेहतमंद साबित होते हैं क्योंकि ये फाइबर आंत में मौजूद बैक्टरिया के विकास में सहायता करते हैं, जिससे ये फैटी एसिड कोलन कोशिकाओं द्वारा आसानी से अवशोषित हो जाते हैं।
निष्कर्ष
काले चने स्वास्थ्य के लिए एक पौष्टिक आहार है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। यही कारण है कि शाकाहार का पालन करने वाले लोगों के लिए काले चने प्रोटीन का एक बेहतर स्त्रोत हो सकते हैं।
काले चने के अनेक व्यंजन बनाए जा सकते हैं, जैसे – सलाद, सब्जी आदि और रोटी, परांठा आदि के साथ इनका आनंद लिया जा सकता है।
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