Last Updated on मई 7, 2020 by Team THIP
सारांश:
4 अप्रैल, 2020 को भारत के प्रमुख मीडिया चैनल, ज़ी न्यूज़ द्वारा दिखाई गयी कहानी के अनुसार, एक भारतीय कंपनी, भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस के टीके को प्रमोचित किया है| इस टीके का नाम कोरो वाक बताया जा रहा है| यह कहानी हिंदी में प्रकाशित हुई | हमारी आरम्भिक जांच से पता चला है कि यह कहानी गलत है|
दावा :
भारत के एक प्रमुख मीडिया हाउस, ज़ी न्यूज़ के द्वारा एक खबर हिंदी में प्रकाशित की गयी है जिसके अनुसार एक भारतीय कंपनी जिसका नाम भारत बायोटेक है ने कोरोना वायरस के टीके की खोज पहले ही कर ली है| यह बताया गया है कि इस टीके का नाम कोरो वाक है| राष्ट्रीयता से भाव विभोर होकर कुछ लोगों ने यह कहानी सोशल मीडिया वेबसाइट पर भी डाल दी | इस पोस्ट का आर्काइवड वर्जन देखने के लिए यहां क्लिक करें|
फैक्ट चेक :
विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर दिंनाक 5 अप्रैल, २०२० को यह प्रकाशित हुआ कि COVID-19 वैश्विक महामारी के लिए अभी तक कोई टीका उपलब्ध नहीं है| विश्व स्वस्थ्य संगठन की वेबसाइट पर इसका आर्काइवड वर्जन देखा जा सकता है | उसी का स्नैपशॉट भी नीचे दिया गया है |
भारत बायोटेक कंपनी का इस विषय पर क्या कहना है ?
भारत की प्रमुख मेगज़ीन, बिज़नेस टुडे में 3 अप्रैल, 2020 को ज़ी न्यूज़ की कहानी से पहले प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत बायोटेक कंपनी के चेयरमैन ने कहा की यदि इस समस्या को एक राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए तो लगभग आठ महीनो में टीका त्यार हो सकता है| ऐसा बिज़नेस टुडे में प्रकाशित हुआ |
डॉक्टर कृष्णा एला , भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ने कहा :-
“भारत बायोटेक और यू एस स्थित फ्लू जन ने विनकोसिन -मैडिसन के अनेक वायरस विशेषज्ञों के साथ मिलकर COVID-19 के टीके पर शोध और टेस्टिंग शुरू कर दी है जिसे कोरो फ्लू का नाम दिया गया है| बिज़नेस टुडे से बात करते हुए उन्होंने बताया की बहुत सी बातें अप्रूवल के प्रक्रिया पर निर्भर करती हैं| अगर सरकार चाहे तो जल्दी काम करके इस राष्ट्रीय आपदा में लगभग आठ महीनों में यह टीका बाज़ार में आ जाएगा |
बिज़नेस टुडे की आर्काइवड रिपोर्ट को यहां देखें
देश के एक और प्रमुख अखबार, द हिंदू में ३ अप्रैल , 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, “विनकोसिन -मैडिसन में हो रहे प्रयोग जानवरों पर किये जाने वाले शोधों तथा कोरो फ्लू टीके की टेस्टिंग को पूरा होने में लगभग तीन से छह महीने लगेंगे| भारत बायोटेक उसके बाद अधिक मात्रा में इंसानों में उसे टेस्ट करने के उपाय करेगी | 2020 के अंत तक कोरो फ्लू मांनव परीक्षणों में पहुँच जायेगी|
द हिंदू में छपी कहानी को भारत बायोटेक ने अपने लिंक्डइन पेज पर भी प्रमोचित किया है| द हिंदू में लिखी कहानी के आर्काइवड वर्जन को यहां देखें |
इस बात पर ध्यान दीजिये की बिज़नेस टुडे के अनुसार, भारत बायोटेक द्वारा फ्लू जन के साथ मिलकर बनाये जाने वाले टीके का नाम कोरो फ्लू है ना कि कोरो वाक जैसा कि ज़ी न्यूज़ ने बताया|
रचेस एला, बिज़नेस डेवलपमेंट हेड, भारत बायोटेक ने हमारे सवालों के जवाब दिए और बताया कि “हमारे टीके का नाम कोरो फ्लू है| अभी हम जानवरों पर टीके के असर पर शोध कर रहे हैं | इस टीके का मानव पर असर सम्बन्धी ट्रायल्स लगभग अगले छह माह में शुरू होंगे| अगर सब सुचारु रूप से चलता रहा तो 2021 की तीसरी तिमाही तक यह टीका इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो जायेगा|”
हमने इन सारी बातों की जांच की और निष्कर्ष यह है कि भारत बायोटेक कोरो वाक नाम की किसी दवा या टीके पर काम नहीं कर रहा है|
Disclaimer: Medical Science is an ever evolving field. We strive to keep this page updated. In case you notice any discrepancy in the content, please inform us at [email protected]. You can futher read our Correction Policy here. Never disregard professional medical advice or delay seeking medical treatment because of something you have read on or accessed through this website or it's social media channels. Read our Full Disclaimer Here for further information.