Last Updated on जून 22, 2022 by Neelam Singh
सारांश
एक सोशल मीडिया पोस्ट मेंं दावा किया जा रहा है कि इंसुलिन की कीमतों को घटा देना चाहिए क्योंकि हर डायबिटिज के मरीज को इंसुलिन की जरुरत पड़ती है।
हमने जब इस पोस्ट का फैक्ट चेक किया, तब हमने पाया कि यह दावा असत्य है।
दावा
कई सोशल मीडिया पोस्ट्स मेंं ये दावा किया जा रहा है कि इंसुलिन की कीमतों को घटा देना चाहिए क्योंकि हर डायबिटिज के मरीज को इंसुलिन की जरुरत पड़ती है। जैसे:
तथ्य जांच
क्या है डायबिटीज?
डायबिटीज दो प्रकार की होती है। National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Disease द्वारा प्रकाशित रिसर्ज के अनुसार पहला – टाइप 1 डायबिटीज और दूसरा टाइप 2 डायबिटीज। इन दोनों के बीच का असल अंतर है कि टाइप- 1 डायबिटीज में मरीज के शरीर की रोग-प्रतिरोधक प्रणाली पेनक्रियाज की कोशिकाओं पर आक्रमण कर देती है, जिस कारण शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है।
वहीं टाइप 2 डायबिटीज में पेनक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं कर पाती या इंसुलिन का सही मात्रा में उपयोग नहीं कर पाती। सही मात्रा में इंसुलिन का उपयोग ना हो पाने से वे रक्त कोशिकाओं में ही रह जाते हैं और शरीर की जरुरतें पूरी नहीं हो पाती।
जानें डायबिटीज और इससे जुड़े लक्षणों को
बदलती जीवनशैली के कारण अब डायबिटीज किसी भी उम्र में लोगों को प्रभावित कर रही है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि टाइप 2 डायबिटीज व्यस्कों या मध्यम उम्र के लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है। सामान्य तौर पर देखा जाए तो इनके लक्षणों में ज्यादा अंतर नहीं पाया जाता। अधिक मात्रा में प्यास लगना, बार-बार मूत्र त्यागने की इच्छा होना, बार-बार भूख लगना और थकान महसूस होना इसके सामान्य लक्षण हैं।
इंसुलिन क्या है?
लीवर और गॉल ब्लैडर के बीच स्थित पेंक्रियाज नामक ग्रंथि ही इंसुलिन बनाने का काम करती है। इंसुलिन द्वारा ही पाचन क्रिया और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जाता है ताकि मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया सही ढ़ंग से हो सके।
रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के अतिरिक्त इंसुलिन शरीर के अंदर वसा को सहेजने का काम भी करता है ताकि जरूरत पड़ने पर शरीर इस वसा का उपयोग कर सके।
रक्त में ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित करने के साथ ही इंसुलिन शरीर की हर कोशिका तक ऊर्जा पहुंचाने का काम भी करता है। अर्थात् सीमित मात्रा में हर कोशिका तक ग्लूकोज पहुंचाता है।
क्या हर मरीज को है इंसुलिन की जरुरत?
डायबिटीज के मरीजों के बीच इंसुलिन काफी लोकप्रिय दवा होती है। आमतौर पर भारत को विश्व का डायबिटीज कैपिटल कहा जाता है। हालांकि डॉ. रवि प्रसाद बताते हैं कि हर मरीज को इंसुलिन की जरुरत नहीं होती है। किसी भी मरीज को इंसुलिन तब दी जाती है, जब दवाइयों या अन्य उपचार के द्वारा भी डायबिटीज को नियंत्रित करना असंभव हो जाता है। अगर दवाइयों द्वारा डायबिटीज नियंत्रित रहता है, तो इंसुलिन लेने की कोई जरुरत नहीं पड़ती है। डॉक्टरों के लिए यह एक अंतिम उपाय है, जिसे मेडिकल परीक्षण के बाद ही दिया जाता है।
सरल भाषा में और जानकारी के लिए देखें वीडियो –
अतः उपरोक्त आधार पर ये कहा जा सकता है कि सोशल मीडिया में किया जा रहा इन्सुलिन सम्बंधित दावा पूरी तरह असत्य है।
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