Last Updated on अक्टूबर 13, 2022 by Neelam Singh
सारांश
एक सोशल मीडिया पोस्ट द्वारा दावा किया जा रहा है कि गर्भावस्था के समय कढ़ी खाने से गर्भपात होने की संभावना कम हो जाती है। जब हमने इस पोस्ट का फैक्ट चेक किया तब पाया कि यह दावा अधिकतर झूठ है। कढ़ी भारतीय भोजन का एक पौष्टिक व्यंजन है पर इससे गर्भपात ना होने का कोई प्रमाण नहीं है।
दावा
एक सोशल मीडिया पोस्ट द्वारा दावा किया जा रहा है कि गर्भावस्था के समय कढ़ी खाने से गर्भपात होने की संभावना कम हो जाती है।
तथ्य जांच
गर्भावस्था के दौरान खान पान कैसा होना चाहिए?
Diet in pregnancy-more than food द्वारा प्रकाशित आलेख के अनुसार गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स, आयरन, कार्बोहाइड्रेट एवं फॉलिक एसिड युक्त आहार लेना फायदेमंद होता है। गर्भावस्था के दौरान संतुलित आहार करना चाहिए और हर एक चीज़ सीमित मात्रा में ही लेनी चाहिए क्योंकि कार्बोहाइड्रेट की अधिकता के कारण मोटापा जैसे – neonatal adiposity का खतरा बढ़ जाता है। वहीं प्रोटीन की अधिकता के कारण जोड़ों में दर्द एवं अन्य वजन बढ़ने जैसी समस्याओं के होने की संभावना बढ़ जाती है।
प्रेग्नेंसी के समय होने वाली मुख्य समस्याएं क्या हैं?
देश में हर पांच में से एक गर्भवती महिला Gestational Diabetes Mellitus (GDM) से ग्रसित है। शहरी क्षेत्र में 17.8%, अर्ध शहरी क्षेत्र में 13.8% एवं ग्रामीण इलाके की 9.9% महिलाएं GDM से ग्रसित हैं। हालांकि 90% केस में GDM बच्चे के जन्म के बाद ठीक हो जाती है लेकिन 50% महिलाओं को 5-10 सालों में GDM होने की संभावना होती है। Mental Health America द्वारा प्रकाशित आलेख के अनुसार इसके अलावा मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों की संभावना भी बढ़ जाती है। जैसे – डिप्रेशन, एंजाइटी, आदि।
मिसकैरिज क्यों होता है?
मिसकैरिज को गर्भपात या spontaneous abortion भी कहा जाता है। गर्भावधि (Gestation) के 20 सप्ताह से पहले होने वाले गर्भपात को मिसकैरिज कहा जाता है। ज्यादातर गर्भपात गर्भावस्था की पहली तिमाही में होते हैं। गुणसूत्र संबंधी समस्याएं अधिकांश गर्भपात का कारण बनती हैं। मिसकैरिज कई प्रकार के होते हैं। जैसे- Missed Miscarriage, Complete Miscarriage, Recurrent Miscarriage, Threatened Miscarriage, Inevitable Miscarriage. इसके अलावा संक्रमण, हार्मोनल असंतुलन, थॉयराइड के कारण, रेडिएशन, असंतुलित डायबिटीज आदि के कारण भी मिसकैरिज होने की संभावना होती है।
क्या कढ़ी खाने से गर्भपात की संभावना कम हो जाती है?
कढ़ी भारतीय भोजन का एक प्रमुख व्यंजन है। यह मुख्य रूप से दही व बेसन से तैयार की जाती है। दही और बेसन दोनों ही स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माने जाते हैं। हालाँकि कुछ लोगों में बेसन (चने) व दही की एलर्जी देखी जाती है।
चीफ डायटिशियन एवं डायबिटीज प्रशिक्षक डॉ. प्रियंवदा दीक्षित ने इस दावे से जुड़े सवाल पर बताया कि, “कढ़ी खाने से गर्भपात नहीं होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। एक सफल गर्भावस्था कई मापदंडो पर निर्भर करती है। जैसे – Family History, खान-पान एवं आसपास का वातावरण। इसी प्रकार गर्भपात के भी कई कारण हो सकते हैं अतः यह मानना कि सिर्फ कढ़ी खाने से गर्भपात नहीं होगा गलत होगा।”
उपरोक्त विवरण के आधार पर यह कहा जा सकता है कि यह दावा अधिकतर गलत है। कढ़ी को एक पौष्टिक भोजन माना जाता है पर कढ़ी खाने से मिसकैरिज होने की संभावना पर कोई असर नहीं पड़ता है।
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