डॉ. आयुष जैन एक बोर्ड-सर्टिफाइड त्वचा विशेषज्ञ हैं जिन्होंने AIIMS, नई दिल्ली से MBBS और डर्मेटोलॉजी में MD किया है। इनकी विशेषज्ञता सामान्य त्वचा देखभाल और कॉस्मेटिक त्वचा उपचार में हैं। वर्तमान में वे AIIMS, नई दिल्ली में सीनियर रेसिडेंट के रूप में कार्यरत हैं।
THIP मीडिया के साथ बातचीत में डॉ. आयुष जैन बताते हैं कि स्वास्थ्य साक्षरता मरीजों को मिथकों से बचा सकती है।
मरीजों के द्वारा की जाने वाली आम गलतियां क्या हैं?
मरीजों के द्वारा की जाने वाली मुख्य गलती अधूरी जानकारी देना है। वे अक्सर केवल लक्षणों को स्पष्ट रूप से बताने के बजाय कारण का अनुमान लगाते हैं—जैसे किसी खाने, घटना या वातावरण को दोष देना। हालांकि, वे बहुत सारी जानकारी दे सकते हैं, लेकिन आवश्यक जानकारी देना भूल जाते हैं, उदाहरण के लिए, समस्या कब शुरू हुई, कितनी देर तक रहती है या समय के साथ कैसी बदल रही है। इससे डॉक्टर के लिए बीमारी की पहचान करना कठिन हो जाता है।
स्वास्थ्य साक्षरता क्या है? यह महत्वपूर्ण क्यों है?
स्वास्थ्य साक्षरता का अर्थ है कि मरीज अपने स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी ढूंढ सके, समझ सके और सही निर्णय ले सके। इसका अर्थ सिर्फ मेडिकल शब्द जानना नहीं है, बल्कि यह समझना है कि डॉक्टर किसी निदान, इलाज या सलाह क्यों दे रहे हैं। इसका अर्थ यह भी है कि लोग स्वस्थ रहने के मूल बातें जानते हों और खुद का सही तरीके से ख्याल रख सकें।
यदि किसी मरीज को अपनी स्वास्थ्य स्थिति की बुनियादी जानकारी हो, तो यह समग्र उपचार प्रक्रिया के लिए कितना सहायक है?
यदि किसी मरीज को अपनी स्वास्थ्य स्थिति की बुनियादी जानकारी हो, तो यह समग्र उपचार प्रक्रिया के लिए लाभदायक है। वे उपचार प्रक्रिया में शामिल होते हैं, डॉक्टर की सलाह ठीक से मानते हैं और आवश्यक संकेत जल्दी पहचान पाते हैं। लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि उनकी समझ सही हो क्योंकि गलत या अधूरी जानकारी इलाज में समस्या पैदा कर सकती है और रिकवरी धीमी कर सकती है।
चिकित्सा गलत जानकारी उपचार प्रक्रियाओं को कितना प्रभावित कर सकती है?
चिकित्सा गलत जानकारी मुख्य समस्या बन सकती है। कई मरीजों के मन में त्वचा रोगों को लेकर गलत धारणाएं होती हैं। डॉक्टर कई बार समझाने के बाद भी ये गलत सोच नहीं बदल पाती है। इसके कारण मरीज सही इलाज नहीं अपनाते और उनकी ठीक होने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
आपके मरीजों के सबसे आम मिथक क्या हैं?
मरीजों के मन में त्वचा की समस्याओं संबंधी विभिन्न गलत धारणाएं और मिथक होते हैं। उदाहरण के लिए, सफेद दाग (Vitiligo) से पीड़ित कुछ लोग “सफेद” चीजें जैसे दूध, दही या खट्टी चीज़े खाने से बचते हैं क्योंकि वे सोचते हैं कि इससे उनकी स्थिति और खराब हो जाएगी। अन्य गलत धारणा यह है कि त्वचा की बीमारियां बहुत तेजी से फैलती हैं। वास्तव में, लगभग 90% त्वचा की समस्याएं संक्रमण नहीं करती और छूने से नहीं फैलती हैं।
ऑनलाइन स्वास्थ्य गलत जानकारी से दूर रहने के लिए मरीजों को आपकी सबसे आम सलाह क्या है?
मैं मरीजों को सलाह देता हूँ कि सोशल मीडिया ट्रेंड्स या समाज में फैली गलत धारणाओं पर भरोसा न करें, विशेषकर त्वचा की बीमारियों के बारे में क्योंकि ये अक्सर गलत या अधूरी जानकारी पर आधारित होती हैं। कई गलतफहमियां तब से बनी हैं जब त्वचा की बीमारियों के कारण ठीक से समझे नहीं गए थे। सही जानकारी के लिए मरीजों को त्वचा विशेषज्ञ से मिलना चाहिए या भरोसेमंद मेडिकल स्रोत और प्रतिष्ठित स्वास्थ्य वेबसाइटों को देखना चाहिए।
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