डॉ. परवाज़ मथारू, एमबीबीएस, एमडी, त्वचा विज्ञान की एक अनुभवी डॉक्टर हैं। उनकी रंग संबंधी विकारों, सामान्य त्वचा विज्ञान, कॉस्मेटिक त्वचा विज्ञान और त्वचा सर्जरी में विशेष रुचि है। डॉ मथारू वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।
मरीजों का इलाज करने में आपको सबसे अच्छी बात क्या लगती है?
मुझे अपने काम में यह पसंद है कि मुझे सभी उम्र के रोगियों के साथ बातचीत करने का मौका मिलता है।
किसी मरीज़ का इलाज करना कब आसान होता है?
मरीज़ों में आदर्श व्यवहार होना एक दुर्लभ घटना है। जब कोई रोगी आपके पास आता है, और इंटरनेट से ज़्यादा आपके ज्ञान पर भरोसा करता है और आपकी सभी सलाह का ठीक से पालन कर रहा है, तो उसका इलाज करना आसान होता है।
किसी मरीज़ का इलाज करना कब कठिन होता है?
उन रोगियों का इलाज करना कठिन होता है, जो सोचते हैं कि उनकी स्थिति के बारे में सबसे अधिक जानकारी सोशल मीडिया पर मौजूद है। साथ ही इसके ज़रिए वे पहले से ही स्वयं-उपचार भी कर चुके हैं। जब आप अपनी तरफ से रोगी का इलाज करने की पूरी कोशिश करते हैं लेकिन मरीज़ वे आपकी बात सुनने के बजाय अपनी मर्ज़ी चलाने की कोशिश करते है, ऐसे में उनका इलाज करना निश्चित रूप से मुश्किल हो जाता है।
यदि रोगी उपचार प्रक्रिया, लाभ, जोखिम आदि के बारे में जानकार है तो यह उपचार पाठ्यक्रम के लिए कितना सहायक है?
यदि रोगी को उपचार की बुनियादी बातों के बारे में पता है, तो डॉक्टर के लिए इससे संबंधित किसी भी डर या चिंता को कम करना आसान हो जाता है। लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि आधा ज्ञान खतरनाक होता है इसलिए कभी-कभी रोगी को सही और गलत के बीच की पतली रेखा को समझाना भी मुश्किल हो सकता है।
कोई मरीज़ उपचार प्रक्रिया के बारे में अपना ज्ञान कैसे सुधार सकता है?
इस मामले में सोशल मीडिया एक वरदान है। किसी बीमारी या प्रक्रिया के बारे में बुनियादी देखभाल और सही जानकारी समझाने वाले डॉक्टरों के पास कई शैक्षिक प्रोफ़ाइल उपलब्ध हैं। मरीज़ ऐसे पृष्ठों के माध्यम से अपने ज्ञान में सुधार कर सकते हैं। बशर्ते उन्होंने अपने डॉक्टरों को सही योग्यता के साथ चुना हो।
चिकित्सीय गलत सूचना समग्र उपचार प्रक्रिया में एक समस्या के रूप में कैसे कार्य करती है?
चिकित्सीय गलत सूचना खतरनाक तो है, लेकिन यह लोगों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। मैंने ऐसे कई मामले देखे हैं, जहां गलत दवाओं के कारण बीमारी बढ़ गई है, जो हाथ के एक छोटे से हिस्से को प्रभावित करने वाली बीमारी पूरे शरीर को प्रभावित करने लगी। साथ ही कई लोगों में साइड इफैक्ट्स के मामले भी दिखें हैं, जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया।
कुछ सलाह जो आप हमेशा अपने मरीज़ों को देते हैं…
खुद को साफ़-सुतरा रखें, पानी पीते रहें और सुरक्षित रहें। हर कोई जानता है कि स्वस्थ रहने का मतलब सही खानपान और व्यायाम करना होता है। मैं हमेशा इस आहार में तीन और चीजें जोड़ती हूँ, जिसमें साफ-सफाई बनाए रखना, पानी पीते रहना और त्वचा पर सनस्क्रीन लगाना भी शामिल है।
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