सारांश

एक सोशल मीडिया पोस्ट द्वारा दावा किया जा रहा है कि सर्दी के मौसम में रात में अचानक बिस्तर से उठने से हार्ट अटैक हो सकता है। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा ज्यादातर गलत है।
दावा
एक फेसबुक पोस्ट जरिए यह दावा किया जा रहा है कि सर्दी के मौसम में रात में अचानक बिस्तर से उठने से हार्ट अटैक हो सकता है। साथ ही इसी तरह के अन्य पोस्ट भी फेसबुक पर मिले लेकिन उनकी भाषा अंग्रेजी थी। साथ ही quora हिंदी पर भी यी पोस्ट मौजूद है।

तथ्य जाँच
हार्ट अटैक क्यों होता है?
National Library of Medicine द्वारा प्रकाशित Myocardial Infarction रिपोर्ट के अनुसार दिल का दौरा तब पड़ता है, जब हृदय तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता और साथ ही हृदय तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने वाली नसें भी ब्लॉक हो जाती है। इसके अलावा हृदय में ब्लॉकेज होने का एक कारण कोलेस्ट्राल का बढ़ना भी है, जिसमें हृदय की धमनियों का रक्त प्रवाह बंद होने लगता है या हृदय की धमनियां ब्लॉकेज के कारण सिकुड़ती चली जाती है, जिससे हृदय पर दबाव पड़ने लगता है और हार्ट अटैक की स्थिति बन जाती है।
वायरल दावे के चिकित्सक में कितनी सच्चाई है?
वायरल पोस्ट में दिए गए डॉक्टर का नाम डॉ. महेश चन्द्र है, जो पीलीभीत, उत्तरप्रदेश, से हैं और एक हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। जब हमने उनके बारे में जानकारी इकट्ठी की, तब पाया कि Just Dial पर उनकी प्रोफाइल है। जब उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया तब सामने आया कि उन्होंने इस तरह का कोई भी पोस्ट ना लिखा है और ना साझा किया है। देखा जाए, तो चिकित्सक की पहचान सही है लेकिन उनके द्वारा ऐसा कोई पोस्ट नहीं किया गया है।
क्या रात को अचानक उठने से हार्ट अटैक आता है?
National Library of Medicine द्वारा प्रकाशित Cardiovascular diseases, cold exposure and exercise रिसर्च के अनुसार सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इस समय हृदय पर दबाव ज्यादा होता है। इसके अलावा जिन लोगों को हृदय संबंधी परेशानियां (cardiovascular conditions ) पहले से होती हैं, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है।
ठंड के मौसम में हृदय की गति बढ़ जाती है, रक्तचाप (blood pressure) बढ़ जाता है, घर बंद रहने के कारण कमरे में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और कई बार खून भी गाढ़ा हो जाता है। ये कुछ कारण हैं, जो सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक का कारण बनते हैं।
Centers for disease control and prevention द्वारा प्रकाशित Know Your Risk for Heart Disease रिपोर्ट के अनुसार जिन्हें मधुमेह है, कोलेस्ट्रॉल का स्तर ज्यादा है, धूम्रपान करने की आदत है या शराब पीने की लत है, परिवार में किसी को हृदय संबंधित परेशानी रही है और जो लोग शारीरिक क्रियाएं नहीं करते हैं, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है।

डॉ. विवेक महाजन, कंसल्टेंट – कार्डियक सर्जरी, फोर्टिस हॉस्पिटल कल्याण, बताते हैं, ”विभिन्न रिपोर्ट्स और अध्ययनों के अनुसार सर्दियों के मौसम के दौरान हार्ट अटैक और पैर की नसों में थक्का बनने का खतरा बढ़ जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे –
- सर्दियों में सामान्य सर्दी, फ्लू और अन्य वायरल संक्रमण ज्यादा होते हैं, जो सूजन और थक्का जमाने की प्रवृत्ति को बढ़ाते हैं।
- सर्दियों के मौसम में जब तापमान बहुत कम हो जाता है, तब प्लेटलेट्स, लाल रक्त कोशिकाओं और सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि होने लगती है, जिससे रक्त की चिपचिपाहट बढ़ जाती है और थक्के बनने लगते हैं।
- वायु प्रदूषण और उच्च वायुदाब (High air pressure) के कारण सर्दियों में क्लॉटिंग का खतरा बढ़ जाता है।
सर्दियों में दिल पर पड़ता है जोर:
- हृदय शरीर के अंदर गर्मी उत्पन्न करने के लिए अधिक रक्त पंप करता है इसलिए रक्तचाप और हृदय गति बढ़ जाती है, जिससे हृदय पर तनाव भी बढ़ता है।
- अत्यधिक ठंड के मौसम में हृदय की धमनियों के सिकुड़ने से हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है।
हृदय पर तनाव कम करने के लिए जीवनशैली को ठीक करना है विकल्प:
- लोग सर्दियों के दौरान गतिहीन जीवनशैली का पालन करते हैं। ऐसे में अचानक गति में आने से हृदय पर तनाव बढ़ता है, जिससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।
- सर्दियों के दौरान शराब, तैलीय और वसायुक्त भोजन का सेवन अधिक होता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
- सर्दियों में कम पानी पीने के कारण खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे हार्ट अटैक हो सकता है।
- सर्दियों में अवसाद आम है, जिससे भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।”
उपरोक्त शोधपत्रों एवं चिकित्सक के बयान के आधार पर कहा जा सकता है कि सोशल मीडिया पर वायरल दावा ज्यादातर गलत है।
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