बच्चे के बालों की देखभाल करना आसान लग सकता है, लेकिन यह वास्तव में बहुत नाज़ुक होता है। नवजात शिशु की खोपड़ी बहुत कोमल और संवेदनशील होती है, इसलिए ज़ोर से ब्रश करना या गलत उत्पाद का प्रयोग करने से जलन या चोटें लग सकती हैं। इसलिए, सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है। इस लेख में उन सुरक्षित तरीकों की जानकारी दी गई है, जो बच्चों के बाल ब्रश करने या तेल लगाने में सहायक हो सकते हैं।
क्या बहुत ज़ोर से ब्रश करने से बच्चे की खोपड़ी को नुकसान हो सकता है?
हाँ, हो सकता है। नवजात शिशु की खोपड़ी बहुत कोमल होती है और अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुई होती। अगर माता-पिता ज़ोर से ब्रश करते हैं, तो उससे छोटे कट, लालपन या संक्रमण भी हो सकते हैं — विशेषकर अगर कंघी या ब्रश साफ़ न हो।
हमेशा मुलायम ब्रश का प्रयोग करें और हल्के हाथों से ब्रश करें। इससे खोपड़ी साफ़ रहती है और क्रैडल कैप जैसी सूखी परतें भी आराम से हटाई जा सकती हैं। सिर के ऊपर जो कोमल हिस्सा होता है (जिसे “फॉन्टानेल” कहा जाता है), वहां बहुत हल्के हाथों से टच करें क्योंकि वह हिस्सा बहुत नाज़ुक होता है।
ध्यान रखें: बच्चे के बालों में ब्रश करना आराम के लिए होता है, फैशन या स्टाइलिंग के लिए नहीं।
नवजात शिशु के लिए तेल लगाना और सुरक्षित उत्पादों के बारे में माता-पिता को क्या जानना चाहिए?

भारत में कई घरों में बच्चों को तेल लगाना एक आम परंपरा है। लेकिन हर तेल शिशु के लिए सुरक्षित नहीं होता है। कुछ भारी या तेज़ खुशबू वाले तेल त्वचा के रोमछिद्र बंद कर सकते हैं या दाने पैदा कर सकते हैं। यहां तक कि घर पर बनाए गए तेल भी कभी-कभी एलर्जी कर सकते हैं। हमेशा ऐसा तेल चुनें जो बच्चों के लिए बना हो और बहुत हल्का हो। पहले थोड़ा सा तेल लगाकर देखें कि बच्चे की त्वचा पर कोई प्रतिक्रिया तो नहीं हो रही है। सौरोजित गुप्ता, MBBS, DCH, बाल रोग विशेषज्ञ और नवजात शिशु विशेषज्ञ बताते हैं, “ सबसे सुरक्षित विकल्प है कि माता-पिता नारियल तेल या ऐसे बेबी ऑयल का प्रयोग करें जिसमें बहुत कम और हल्के प्राकृतिक तत्व हों। तेल खरीदने से पहले यह जरूर देखें कि पैक पर ‘dermatologically tested’ या ‘safe for new-borns’ जैसे शब्द लिखे हों। तेल लगाने से पहले, बच्चे की त्वचा पर थोड़ी सी जगह पर पैच टेस्ट जरूर करें। अगर कोई रिएक्शन नहीं होता, तो माता-पिता वह तेल सुरक्षित रूप से सिर पर लगा सकते हैं।”
बहुत ज्यादा तेल लगाना सही नहीं होता है क्योंकि इससे बच्चे की खोपड़ी चिकनी हो जाती है और उस पर गंदगी जम सकती है। इसलिए थोड़ा सा तेल ही हल्के हाथों से लगाएं। बच्चे के बालों के लिए तेल चुनते समय परंपरा से ज़्यादा सुरक्षा और आराम पर ध्यान दें। अगर माता-पिता को समझ न आए कि कौन सा तेल सही है, तो उन्हें बच्चे के डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
नवजात शिशु की खोपड़ी की समस्या पर माता-पिता को कब डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए?
शुरुआत में बाल झड़ना या बालों का असमान रूप से बढ़ना सामान्य है। लेकिन अगर खोपड़ी पर लालिमा, फोड़े दिखें या ब्रश करने या तेल लगाने के बाद बच्चा बहुत परेशान हो जाए, तो डॉक्टर से जरूर मिलें। अगर सूखी परतें लगातार बनी रहें, दाने फैलें या खोपड़ी से दुर्गंध आने लगे, तो भी डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
माता-पिता अक्सर अपने बच्चे के बालों के बढ़ने को लेकर चिंता करते हैं, लेकिन अधिकांश बदलाव सामान्य होते हैं और थोड़े समय बाद ठीक हो जाते हैं। सबसे ज़रूरी है कि बच्चे की खोपड़ी साफ़, आरामदायक और बिना जलन के बनी रहे। इसके लिए हफ्ते में 2-3 बार हल्के शैम्पू से खोपड़ी धोएं, साफ़ ब्रश का प्रयोग करें और तेज या भारी तेल लगाने से बचें। इससे समस्या होने की संभावना कम हो जाती है।
याद रखें, नवजात शिशु के बालों की देखभाल का अर्थ बाल जल्दी बढ़ाना नहीं है। इसका अर्थ है बच्चे की नाज़ुक और कोमल खोपड़ी को सुरक्षित रखना।
ब्रश करने और तेल लगाने में हमेशा धीरे और सावधानी से काम लें। नवजात शिशुओं के लिए सुरक्षित तेल ही प्रयोग करें और ऐसे संकेतों पर ध्यान दें जो डॉक्टर की सलाह मांग सकते हैं। बालों की दिखावट की बजाय बच्चे की आरामदायक और सुरक्षित देखभाल पर ध्यान दें। इससे बच्चे की खोपड़ी स्वस्थ रहती है और बालों की देखभाल एक सुखद अनुभव बनता है।
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