स्तन कैंसर की शुरुआती जांच को AI के जरिए सरल बना रही है गीता

स्तन कैंसर के बढ़ते आंकड़ें और लोगों के बीच कम होती जागरुकता के कारण स्थिति गंभीर हो रही है और इलाज का महंगा होना इसे बद्तर बना देता है। आइए पढ़ते हैं, स्तन कैंसर पर आधारित चेंजमेकर्स स्टोरी..

Last Updated on नवम्बर 28, 2022 by Neelam Singh

 भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में स्तन कैंसर से पीड़ित लगभग 10 में से चार लोगों की मौत हुई थी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इससे जुड़ा आंकड़ा मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया था। 

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च (National Center for Disease Informatics and Research) की नैशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में भारतीय महिलाओं में कैंसर के कुल मामलों में 39.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। इस रिपोर्ट में ब्रेस्ट एवं सर्विकल कैंसर शामिल थे। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि स्तन कैंसर के मुख्य कारण बढ़ती उम्र, मोटापा, शराब और अनुवांशिकता है। 

एक फोन कॉल ने बदली दिशा 

आज स्तन कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर) एक बेहद भयावह रुप ले चुका है, जिसके अनेक कारण हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों का ना पता चलना एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का काफी महंगा होना भी है क्योंकि आर्थिक तंगी के कारण भी कई जिंदगियां असमय मौत को गले लगा लेती हैं। 

बंगलौर कर्नाटक की रहने वाली गीता मंजुनाथ ने समय पर स्तन कैंसर का पता नहीं चलने के कारण अपनी 42 वर्षीय चचेरी बहन को खो दिया। गीता बताती हैं कि वे Data Analytics Research Laboratory in Xerox Research Centre India (XRCI) में काम करती थीं लेकिन एक फोन कॉल ने उनकी पूरी जिंदगी ही पलट कर रख दी। इसके बाद उन्होंने अपनी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की नौकरी छोड़ दी और एक तकनीक की खोज करने में जुट गईं, जिससे स्तन कैंसर की जांच को ना केवल आसान बनाया जा सके बल्कि 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में भी स्तन कैंसर की जांच हो सके क्योंकि मैमोग्राम की प्रक्रिया बेहद दर्दनाक होती है। गीता कहती हैं, “चुंकि मैंने xerox में multiple image modalities पर काम किया था इसलिए मैंने thermal imaging की तकनीक को अपनाने का फैसला किया।” 

Breast cancer

Niramai Health Analytix की शुरुआत 

ScienceDirect पर प्रकाशित Early detection of the breast cancer using infrared technology – A comprehensive review Thermography शीर्षक के अंतर्गत प्रकाशित आलेख के अनुसार Thermography एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके जरिए शरीर के तापमान में हुए बदलाव द्वारा ट्युमर का पता लगाया जाता है लेकिन इस प्रक्रिया को जोड़ने का काम गीता की बनाई डिवाइस Thermalytix ने किया। गीता ने Thermalytix को NIRAMAI के तहत शुरु किया है, जिसका अर्थ  “Non-Invasive Risk Assessment with Machine Intelligence” है।

गीता बताती हैं, “इस डिवाइस के बनने के बाद हमारे सामने सबसे पहली चुनौती इसकी जांच करना और लोगों तक पहुंच बनाने को लेकर थी, जिसके लिए हमने Kasturba Medical College, Manipal के साथ करार किया और करीब 72 कैंसर मरीजों की जांच की और हमारा यह प्रयास सफल रहा। हालांकि अन्य अस्पतालों और डॉक्टरों के साथ विश्वसनीयता भी स्थापित करनी थी ताकि इस डिवाइस को लेकर कोई दुविधा या शंका ना उत्पन्न हो। इसके बाद BMS अस्पताल ने भी हामी भरी कि हम उनके यहां अपने डिवाइस का परीक्षण कर सकते हैं। साथ ही Karnataka Cancer Society ने भी हमें शिविर लगाने के लिए आमंत्रित किया।” हाल ही में सितम्बर 2022 को Niramai Health Analytix ने केरल में AI पद्धति पर आधारित Thermalytix की स्थापना की है।

कैसे काम करती है डिवाइस 

device

गीता बताती हैं, यह डिवाइस Thermal Images के जरिए शरीर के तापमान में हुए बदलावों को मापती है। इसके बाद AI की मदद से cancer screening report तैयार की जाती है। अगर किसी तरह की असामान्यता पाई जाती है, तो फिर मरीज को अलट्रासाउंड के लिए भेज दिया जाता है। गीता बताती हैं, “इस डिवाइस से हमें यह जांचने में सहायता मिलती है कि जहां करीब 100 लोग स्तन कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राम कराते हैं और 2-3 लोगों में ही कैंसर का पता चलता है वहीँ Thermalytix की सटीक जांच के बाद वे ही लोग स्तन कैंसर की आगे की जांच के लिए जाते हैं, जिनमें ट्युमर डिटेक्ट हुआ है।” 

Breast scanning

इस डिवाइस की खासियत यह है कि ये एकदम गोपनीय है क्योंकि इसमें मरीज को स्पर्श नहीं किया जाता है। टेक्नीशियन और महिला के बीच एक स्क्रीन होती है। महिला को केवल डिवाइस के सामने बैठना होता है और टेक्नीशियन की नजरें लैपटॉप पर होती हैं। यह एकदम रेडिएशन फ्री और युजर फ्रेंडली डिवाइस है। अब तक इस डिवाइस के जरिए 75,000 महिलाओं की जांच हुई है और महिलाएं इसे बेहद खुशी से अपना रही हैं।

मैमोग्राम की तकलीफ से छुटकारा 

Niramai Health Analytix के जरिए अपनी जांच करवा चुकी एक महिला ने कहा, “अमूमन 40 वर्ष से अधिक उम्र हो जाने पर स्तन कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राम कराना पड़ता है लेकिन मैमोग्राम की प्रक्रिया बेहद दर्दनाक होती है और जब मुझे Thermalytix के जरिए जांच कराने का मौका मिला तब मुझे एहसास हुआ कि स्तन कैंसर की जांच दर्दरहित और केवल 10-15 मिनट में भी हो सकती है!”  

अपने आगे की रणनीति को लेकर गीता बताती हैं, हमारा उद्देश्य अब ग्रामीण इलाकों में भी स्तन कैंसर को लेकर महिलाओं को जागरुक करना एवं उन तक सुविधा पहुंचाना है। चुंकि गांवों में महिलाओं के ऊपर अनेक रुढ़ीवादी परंपराएं होती हैं, जिस कारण स्तन कैंसर की जांच एक जटिल प्रक्रिया बन जाती है। 

स्तन कैंसर को लेकर गीता मंजुनाथ का कदम बेहद क्रांतिकारी है क्योंकि इससे ना केवल स्तन कैंसर के विरुद्ध लड़ाई मजबूत होगी बल्कि ग्रामीण स्तर पर भी महिलाओं को बल मिलेगा। उम्मीद है कि स्तन कैंसर के दर्दनाक आंकड़ों में कमी आएगी और महिलाएं अपनी सेहत को लेकर सजग होंगी।

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