ऑटिज्म एक मस्तिष्क संबंधी विकार है जो किसी व्यक्ति के बोलने, समझने आदि की क्षमता को प्रभावित करता है। ऑटिज्म के कई प्रकार होते हैं, जो आनुवांशिक और पर्यावरणीय प्रभावों के विभिन्न संयोजनों के कारण होता है।
हर साल 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरुकता दिवस मनाया जाता है। साल 2022 में विश्व ऑटिज्म दिवस के अवसर पर जारी आंकड़ों पर गौर करें तो विश्व में 160 में से 1 बच्चा ऑटिज्म से ग्रसित है जबकि भारत में 10,000 में से 62 बच्चे ऑटिज्म से ग्रसित हैं। साल 2023 की थीम “Transformation: Toward a Neuro-Inclusive World for All” है।
चुनौतीपूर्ण हो जाती है परवरिश

ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों के अभिभावकों के लिए उनकी परवरिश करना चुनौतीपुर्ण हो जाता है। साथ ही समाज भी बच्चों को स्वीकार नहीं पाता है। इस समस्या को कम करने के लिए बैंग्लोर की रहने वाली डॉ. श्रीजा रेड्डी सरिपल्ली ने साल 2017 में Pinnacle Blooms Network की स्थापना की। श्रीजा कोटी ग्रुप ऑफ टेक्नोलॉजिकल वेंचर्स रिसर्च एंड डेवलेपमेंट के हेल्थ-टेक डिवीजन भरत हेल्थकेयर की संस्थापक और प्रबंध निदेशक भी हैं।
दो बच्चों की मां डॉ. श्रीजा बाल मनोविज्ञान के मुद्दों पर लगातार शोध करती रहीं हैं और इसी दौरान उन्हें ऑटिज्म की भयावहता का एहसास हुआ। साथ ही लोगों के अंदर ऑटिज्म को लेकर जागरुकता काअभाव एवं उसके मूल कारणों के प्रति जानकारी ना होना भी एक कारण था, जिसने उन्हें ऑटिज्म के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए तत्पर किया।
शोध के दौरान आया आइडिया
वे शोध के दौरान इस विषय पर गंभीरता से सोचा करती थी कि किस प्रकार ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ा जाए ताकि वे भी एक सामान्य जीवन जी सकें और उनके परिवार वालों को भी लंबे वक्त तक बच्चों को लेकर चिंता ना हो। यही कारण था कि उन्होंने साइंस और स्वास्थ्य का समायोजन करने का निर्णय लिया।
Pinnacle ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों को एक रचनात्मक ऑटिज्म थेरेपी प्रोग्राम प्रदान करने की दिशा में काम कर रहा है, जो उन्हें व्यापक मूल्यांकन, उपचार और परामर्श प्रदान करता है। ऑक्यूपेशनल थेरेपी, साइकोलॉजिकल काउंसलिंग, स्पीच थेरेपी और बिहेवियरल थेरेपी, स्पेशल एजुकेशन, ग्रुप टीचिंग, हाइड्रो थेरेपी, योगा थेरेपी, म्युजिक थेरेपी एवं डांस थेरेपी जैसे अन्य विषयों को भी मूल्यांकन में आवश्यकता के अनुसार शामिल किया जाता है।

तकनीक और स्वास्थ्य का संयोजन
श्रीजा बताती हैं, “यह प्रक्रिया किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रारंभिक फॉर्म भरने के साथ शुरू होती है, जो अपने बच्चे का इलाज कराना चाहते हैं। इसके बाद हमारी संबंधित टीम बच्चे के आगे के मूल्यांकन के लिए परिवार से संपर्क करती है। एक बार मूल्यांकन हो जाने के बाद हम आगे के विकास के लिए आवश्यक चिकित्सा का सुझाव देते हैं।”
बच्चे की व्यक्तिगत जरूरतों के आधार पर संपूर्ण मूल्यांकन को पूरा करने में आमतौर पर 1-3 घंटे लगते हैं। Pinnacle Blooms Network भाषण, भाषा, सामाजिक और अन्य संचार विकारों की निदान प्रक्रिया में काम करता है। Pinnacle Blooms Network के तहत हमने 140+ पेटेंट तकनीकों का एक ढांचा बनाया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा, मशीन लर्निंग और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी नई-युग की तकनीकों का मिश्रण है। इन सभी तकनीकों के समायोजन के जरिए ही ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों का उपचार किया जाता है।
वर्तमान में उनकी टीम में 15 से ज्यादा एक्सपर्ट्स शामिल हैं और भारत में बैंग्लोर में ही करीब 40 से ज्यादा शाखाएं मौजूद हैं। इसके अलावा वे दुबई, अमेरिका और सिंगापुर में भी कार्य कर रही हैं। उनकी कंपनी ने राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार भी जीते हैं। जैसे – टाइम्स द्वारा #1 ऑटिज्म थेरेपी सेंटर नेटवर्क अवार्ड, प्रैक्सिस मीडिया द्वारा महिला नेतृत्व पुरस्कार, आदि। श्रीजा कहती हैं, हम लगातार ऑटिज्म के प्रति लोगों एवं अभिभावकों को जागरुक कर रहे हैं और इस दिशा में एक्सपर्ट्स के साथ-साथ तकनीक की सहायता भी बहुत मायने रखती है।
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