कई बार लोग नमक कम लगने पर ऊपर से एक चुटकी नमक डाल कर खा लेते हैं। कभी बाजार में चिप्स या अन्य कोई तला-भुना भोजन कर लेते हैं, जिसमें नमक की मात्रा बहुत अधिक होती है। बहुत कम लोग हैं, जो कुछ भी खाने से पहले पैकेट के पीछे लिखा पढ़ते हैं कि इसमें पोषण है भी या नहीं। आमतौर पर खरीदा, फाड़ा, खाया और फेंक दिया की पॉलिसी का ही पालन किया जाता है लेकिन यहीं सावधान होने की जरुरत है क्योंकि एक चुटकी नमक, चिप्स, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ आदि शरीर के अंदर सोडियम की मात्रा को अप्रत्याशित तौर पर बढ़ा रहे हैं।
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी एक रिपोर्ट से पता चला है कि दूनिया की लगभग पूरी आबादी बहुत अधिक सोडियम का सेवन कर रही है। वयस्कों का वैश्विक औसत सेवन 4310 मिलीग्राम/दिन सोडियम यानी की 10.78 ग्राम/दिन नमक के सेवन के बराबर है। यह 5 ग्राम/दिन नमक से भी ज्यादा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 5 ग्राम/दिन से कम सोडियम यानी की नमक खाने की सिफारिश की है लेकिन लोग इसका दोगुना से भी अधिक सेवन कर रहे हैं।
कई बीमारियों की जड़ है नमक
उच्च सोडियम वाले आहार का सेवन करने से रक्तचाप में वृद्धि, हृदय रोगों, गैस्ट्रिक कैंसर, मोटापा, ऑस्टियोपोरोसिस, मेनियार्स रोग और गुर्दे की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। देखा जाए, तो अस्वस्थ्य आहार का सेवन दुनिया भर में एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य और विकास संबंधित चुनौती है। ऐसे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों के उत्पादन और सेवन को संशोधित करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है, जिनमें कोई पोषण नहीं है।
हालांकि सबसे बड़ी चिंता की बात सोडियम, शर्करा/चीनी और अस्वास्थ्यकर वसा हैं, जिसमें विशेष रूप से ट्रांस-फैटी एसिड (ट्रांस वसा) शामिल है। कई उच्च आय, निम्न और मध्यम आय वाले देशों के आहार में सोडियम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से आता है। सोडियम का सेवन कम करना स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और गैर-संचारी रोगों के बोझ को कम करने का एक अच्छा माध्यम है क्योंकि यह हृदय समेत अनेक बीमारियों और उससे होने वाली मौतों को रोक सकता है।
सेंधा नमक है अच्छा विकल्प

आहार विशेषज्ञ डॉ. प्रियंवदा दीक्षित (Food for heal, Agra) बताती हैं, “लोगों को नमक कम करने के लिए सबसे पहले पैकेट फूड्स जैसे- नमकीन, मसालेदार, मैदा आधारित आदि को छोड़ना होगा क्योंकि ये सब प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ हैं, जो शरीर को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। आमतौर पर जो नमक घरों में इस्तेमाल किया जाता है, वो सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। कोशिश करनी चाहिए कि सेंधा नमक का ही उपयोग करें। सेंधा नमक का सेवन करना ना केवल शरीर में सोडियम बढ़ने के रोकता है बल्कि शरीर को भी स्वस्थ रखता है। अतिरिक्त सोडियम का सेवन करने से रक्तचाप में वृद्धि होती है और हृदय पर भी दबाब बनता है, जो हृदय संबंधित बीमारियों को बढ़ा सकता है या उतपन्न कर सकता है।
साथ ही जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या है, मतलब की जिनका बीपी 120/80 से हमेशा ज्यादा होता है, उन्हें नमक या किसी उच्च सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करना चाहिए। साथ ही जिन्हें रक्तचाप की समस्या नहीं है, उन्हें भी नमक का सेवन कम से कम करना चाहिए क्योंकि ज्यादा नमक का सेवन करने से रक्त में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है। यही कारण है कि शरीर के कार्य करने की क्षमता कम होने लगती है और आंतरिक तौर पर शुरु हुई परेशानी के लक्षण धीरे-धीरे सामने आने लगते हैं। “
कैसे कम करें सोडियम का सेवन?
सोडियम के प्रति बढ़ती लत को कम करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
- कम नमक शामिल करने के लिए खाद्य उत्पादों में सुधार करना
- खाद्य पदार्थों और भोजन में नमक की मात्रा निर्धारित करना
- सोडियम के विकल्पों की पहचान करना
- फ्रंट-ऑफ़-पैक लेबलिंग मतलब की किसी भी पैकेट में किस खाद्य पदार्थ की मात्रा कितनी है, इसे पीछे नहीं बल्कि आगे लिखना
- ताजा फलों का सेवन करना
- लोगों को नमक/सोडियम के दुष्प्रभावों के प्रति जागरुक करना
कुछ बीमारियों को कम करने या नियंत्रित करने के लिए अच्छी आदतें ही काफी होती है। उन्हीं अच्छी आदतों में नमक और उच्च सोडियम वाले खाद्य पदार्थों के सेवन को कम करना भी शामिल है।
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