मसूड़ों की समस्या केवल दांतों की सफाई से संबंधित नहीं होती — यह हार्मोन में बदलाव की वजह से भी हो सकती है। अगर किसी व्यक्ति को PCOS, थायराइड की समस्या या कोई और हार्मोनल असंतुलन है, तो उसे मसूड़े की सूजन हो सकती है, उनमें से खून निकल सकता है या वे संवेदनशील हो सकते हैं।
इस लेख में हमने उल्लेख किया है कि हार्मोन मसूड़ों को कैसे प्रभावित करते हैं, PCOS और हाइपोथायरॉइडिज़्म जैसी समस्याएं मुँह पर क्या असर डालती हैं और मसूड़ों की देखभाल कैसे की जा सकती है।
हार्मोन मसूड़ों को ज्यादा संवेदनशील कैसे बनाते हैं?

प्रोफेसर (डॉ.) अमित भारद्वाज, निदेशक, Ph.D कार्यक्रम, SGT विश्वविद्यालय, गुरुग्राम बताते हैं कि “जब शरीर में हार्मोन बदलते हैं — जैसे मासिक धर्म, गर्भावस्था, PCOS या थायराइड की समस्या के दौरान — तब इसका असर मसूड़ों पर भी पड़ता है। मसूड़े लाल, सूज और उनसे खून निकल सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हार्मोन मसूड़ों में खून का प्रवाह बढ़ा देते हैं, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बदल जाती है, और कभी-कभी लार भी कम बनती है, जो आमतौर पर दांतों की सुरक्षा करती है।”
इस वजह से, थोड़ा-सा प्लाक भी मसूड़ों को ज़्यादा परेशान कर सकता है। यही कारण है कि हार्मोनल समस्याओं वाले लोगों को अक्सर मसूड़ों में जलन या संवेदनशीलता महसूस होती है। अगर कोई व्यक्ति जानता है कि हार्मोन इसका कारण हैं, तो वह मसूड़ों की बेहतर देखभाल कर सकता है — जैसे कि मुलायम ब्रश से धीरे-धीरे ब्रश करना और रोज़ फ्लॉस करना।
क्या PCOS से मसूड़े सूज सकते हैं और लंबे समय तक समस्या हो सकती है?
हाँ, PCOS मसूड़ों को प्रभावित कर सकता है। कई महिलाओं को हार्मोनल असंतुलन, इंसुलिन रेज़िस्टेंस और शरीर में लगातार इन्फ्लेमेशन की वजह से मसूड़ों संबंधी समस्याएं होती हैं। इससे मसूड़े सूज सकते हैं, ब्रश करते समय खून आ सकता है और मसूड़ों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
अगर समय पर इलाज न किया जाए, तो मसूड़ों की सूजन (Gingivitis) बढ़ सकती है तथा दांतों को पकड़ने वाली हड्डी को भी नुकसान पहुंचा सकती है। अच्छी बात यह है कि शुरुआत में ध्यान देकर इसे रोका जा सकता है। नियमित रूप से डेंटिस्ट के पास जाना, हल्के हाथों से ब्रश करना और डॉक्टर की मदद से PCOS को कंट्रोल में रखना — ये सभी मसूड़ों को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं।
हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism) मसूड़ों को कैसे प्रभावित करता है?
प्रोफेसर (डॉ) भारद्वाज बताते हैं, “जब थायराइड ठीक से काम नहीं करता (जिसे हाइपोथायरॉइडिज्म कहा जाता है), तब यह मसूड़ों की समस्या कर सकता है। थायराइड हार्मोन की कमी से मसूड़ों का ठीक होना धीमा हो जाता है, मुंह में लार कम बनती है और दांतों को पकड़ने वाली हड्डी कमजोर हो सकती है। इन बदलावों की वजह से मसूड़े सूज सकते हैं, ज्यादा संवेदनशील हो सकते हैं और चोट लगने पर ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।”
थायराइड की दवा समय पर लेना, खूब पानी पीना और दांतों के डॉक्टर को अपनी थायराइड की समस्या के बारे में बताना मसूड़ों को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। यह जानना जरूरी है कि थायराइड हार्मोन भी मसूड़ों को प्रभावित करते हैं, ताकि व्यक्ति सही इलाज और दांतों की देखभाल दोनों कर सकें और मसूड़ों को स्वस्थ रख सकें।
हार्मोन मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। PCOS, मसूड़ों की सूजन, हाइपोथायरॉइडिज्म और अन्य हार्मोन की समस्याओं से मसूड़े संवेदनशील, लाल और उनसे खून निकल सकता है। लेकिन लोग मसूड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं — धीरे-धीरे ब्रश करें, रोज़ फ्लॉस करें, खूब पानी पिएं, डेंटिस्ट के पास नियमित चेकअप कराएं और अपनी स्वास्थ्य समस्या का सही इलाज कराएं।
याद रखें अगर किसी व्यक्ति को मसूड़ों में समस्या हो रही है, तो यह उसकी गलती नहीं है। उसका शरीर यह संकेत देता है कि हार्मोन मसूड़ों को प्रभावित कर रहे हैं। जल्दी ध्यान देने से गंभीर समस्याओं को रोका जा सकता है और दांतों और मसूड़ों को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।
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