एक माता-पिता के रूप में यह देखना तकलीफदेह हो सकता है जब बच्चे को वजन या दाँतों की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अधिकांश लोग नहीं जानते कि ये दोनों चीजें आपस में संबंधित हो सकती हैं। अध्ययन से पता चला है कि जो बच्चे अधिक वजन वाले होते हैं, उनमें दाँतों में सड़न होने की संभावना भी ज़्यादा होती है। लेकिन ऐसा क्यों होता है? और इसका बच्चे की सेहत और विकास पर क्या असर पड़ता है? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
बच्चों में मोटापा और दांतों की सेहत कैसे संबंधित है?

मोटापा और दांतों की सेहत का संबंध सिर्फ दिखावट तक सीमित नहीं है; इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं। प्रोफेसर (डॉ.) शालू भारद्वाज, बाल चिकित्सा एवं निवारक दंत चिकित्सा विभाग, FDS, SGT विश्वविद्यालय, गुरुग्राम, बताती हैं कि “उदाहरण के लिए, जो बच्चे ज्यादा कैलोरी वाले खाने और मिठाइयाँ जैसे चॉकलेट, मीठी ड्रिंक और तले हुई चीज़े खाते हैं, उनमें मोटापा और दांतों में सड़न का खतरा ज्यादा होता है।”
मोटापा से शरीर में कुछ बदलाव होते हैं, जैसे हल्का इन्फ्लेमेशन और हार्मोन का असंतुलन। ये बदलाव मुंह में लार की मात्रा कम कर सकते हैं। लार दांतों से खाने के टुकड़े साफ करने में मदद करती है। जब लार कम हो जाती है, तब चिपचिपा खाद्य पदार्थ दांतों पर ज्यादा देर तक रहता है। इससे बैक्टीरिया बढ़ते हैं और कैविटी हो जाती है। इसलिए, गलत खाने की आदतें वजन और दांतों दोनों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
क्या बच्चों के खाने की आदतों से कैविटी का खतरा बढ़ सकता है?
प्रोफेसर (डॉ.) भारद्वाज बताती हैं, “हाँ, बच्चों के खाने की आदतें मायने रखती हैं। अधिकांश माता-पिता देखते हैं कि बच्चे मिठाई, पैकेट वाले स्नैक्स और शुगर वाली ड्रिंक पसंद करते हैं। ये खाने की चीजें दांतों में कैविटी होने का कारण बनती हैं क्योंकि मीठा और चिपचिपा खाद्य पदार्थ दांतों पर चीनी छोड़ देता है। बैक्टीरिया इस चीनी से एसिड बनाते हैं जो दांतों को नुकसान पहुंचाता है और कैविटी करता है। बार-बार स्नैक करना भी मोटापे वाले बच्चों में कैविटी की एक मुख्य वजह है।”
अन्य समस्या यह है कि जिन बच्चों के दांतों में दर्द होता है, वे अक्सर फल, सब्ज़ियाँ या नट्स जैसे सख्त चीज़ों को खाने से बचते हैं क्योंकि उन्हें चबाने में दर्द होता है। इसलिए वे ज़्यादा नरम, प्रोसेस्ड और कैलोरी वाली चीज़े खाने लगते हैं। इससे मोटापा और दांतों की समस्याएं दोनों बढ़ जाती हैं।
माता-पिता को बच्चों के दांतों की समस्या के खतरे के बारे में क्या जानना चाहिए?
अधिकांश माता-पिता दांतों की देखभाल में सिर्फ ब्रशिंग को ही ध्यान में रखते हैं। हालांकि, ब्रश करना आवश्यक है, लेकिन अन्य चीज़ें भी दांतों की सेहत पर असर डालती हैं। कुछ मुख्य जोखिम निम्नलिखित हैं:
- बार-बार स्नैक, मिठाई या जंक फूड खाना
- दांतों के डॉक्टर के पास नियमित जांच न कराना
- कम शारीरिक गतिविधि करना जिससे वजन बढ़ता है
- ज्यादा स्नैक खाना, जो वजन और दांतों की समस्या दोनों बढ़ाता है
- परिवार में मोटापे का इतिहास (जेनेटिक्स)
- मोटापे की वजह से मुंह में लार की कमी होना
माता-पिता को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि वे अपने बच्चों के दांत और स्वास्थ्य की सही देखभाल कर सकें।
कैविटी और मोटापा दो अलग-अलग समस्याएँ नहीं हैं। ये दोनों एक-दूसरे से संबंधित हैं और एक दूसरी को और बढ़ा सकती हैं। अच्छी बात यह है कि कुछ छोटे बदलाव, जैसे स्वस्थ स्नैक देना, समय-समय पर ब्रश करना और दांतों के डॉक्टर के पास नियमित जाना, बच्चे के दांत और समग्र स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं।
अगर आप माता-पिता हैं और परेशानी महसूस कर रहे हैं, तो याद रखें आप अकेले नहीं हैं। भारत में कई परिवार इसी तरह की समस्याओं का सामना करते हैं। एक बाल दंत चिकित्सक और बच्चों के डॉक्टर से मिलकर बात करने से माता-पिता मोटापा और दांतों की समस्याओं दोनों को सही तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं। अपने बच्चे को प्यार और धैर्य के साथ सहारा देना उसके समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभदायक साबित हो सकता है।
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