अगर कोई महिला IVF से गुजर रही है, तो वह पहले से ही बहुत कुछ झेल रही होती है—भावनाएँ, डॉक्टर के दौरे और दवाइयाँ। उसके मन में यह प्रश्न आना स्वभाविक है कि “इस दौरान मालिश कराना सुरक्षित है या नहीं।” इस लेख में हमने इस विषय पर विस्तार से चर्चा की है।
क्या IVF उपचार के दौरान मालिश कराना सुरक्षित है?

डॉ. रुद्री अग्रवाल, फर्टिलिटी विशेषज्ञ और परामर्शदाता प्रसूति रोग विशेषज्ञ (Consultant Obstetrician & Gynaecologist), बताती हैं, “इसका संक्षिप्त उत्तर है हाँ, लेकिन कुछ सावधानियों के साथ। IVF उपचार के दौरान हल्की मालिश महिला को आराम करने, तनाव कम करने और मसल्स के तनाव को दूर करने में मदद कर सकती है। हालांकि, इसे करने को आमतौर पर IVF के दौरान सुरक्षित माना जाता है लेकिन अगर इसे अनुभवी थेरेपिस्ट द्वारा किया जाए जो उपचार की विशिष्ट चीज़ों से वाकिफ हो। हालांकि, सभी मसाज सुरक्षित नहीं होती हैं। डीप टिश्यू मसाज, पेट के निचले हिस्से पर जोरदार दबाव या कठोर बॉडी मैनिपुलेशन से बचें। ये अंडाशय या गर्भाशय तक खून के प्रवाह को प्रभावित कर सकती हैं।”
इसके कुछ सुरक्षित विकल्प हैं:
- एम्ब्रियो ट्रांसफर के बाद हल्की पीठ की मालिश
- हल्की गर्दन और कंधों की मसाज
- एम्ब्रियो ट्रांसफर के बाद हल्की पैर की मालिश (अनुभवी थेरेपिस्ट द्वारा)
- लिम्फैटिक मालिश, केवल अगर डॉक्टर अनुमति दें
ध्यान रखें, मालिश हल्की होनी चाहिए—पेट पर दबाव न पड़े और किसी भी तरह की असुविधा न हो। हमेशा अपने थेरेपिस्ट को बताएं कि आप IVF करा रहे हैं।
IVF के दौरान सुरक्षित मालिश जो आराम देने में मदद करें
IVF के दौरान तनाव और चिंता होना स्वभाविक है। हल्की मालिश महिला को शांत और अच्छा महसूस कराने में मदद कर सकती है। इसके साथ में हल्का योग भी लाभदायक है।
मालिश के कुछ सुरक्षित विकल्प:
- एम्ब्रियो ट्रांसफर के बाद हल्की पीठ की मालिश: तनाव कम करती है। हल्की और आरामदायक रखें—डीप टिशू नहीं।
- लिम्फैटिक मालिश: पेट फूलने और पानी जमा होने को कम कर सकती है। हमेशा पहले डॉक्टर से पूछें।
- एम्ब्रियो ट्रांसफर के बाद हल्की पैर की मालिश: आरामदायक होती है। रिफ्लेक्सोलॉजी या दबाव वाले पॉइंट्स तभी करें जब डॉक्टर अनुमति दें।
IVF के दौरान मालिश के लिए कुछ जरूरी बातें। आवश्यक तेल का प्रयोग तभी करें जब इसकी सलाह डॉक्टर द्वारा दी गई हो क्योंकि कुछ तेल हॉर्मोन पर असर डाल सकते हैं। मालिश व्यक्ति को आराम और शांति दे सकती है, लेकिन यह डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं है और IVF प्रक्रिया में बाधा नहीं डालनी चाहिए।
IVF के दौरान मालिश कब नहीं करनी चाहिए?

डॉ. सबीहा अंजुम शेख, MBBS, DGO, FRM (रिप्रोडक्टिव मेडिसिन), कंसल्टेंट गायनाकोलॉजिस्ट, मेडिकवर हॉस्पिटल, बैंगलोर, बताती हैं कि “IVF के शुरुआती चरणों में हल्की मसाज आमतौर पर ठीक रहती है। जब अंडाशय का आकार बढ़ता है, तब मालिश कराने से बचना चाहिए। बड़े अंडाशय मुड़ सकते हैं और इस स्थिति में पेट की मसाज सुरक्षित नहीं होती है। एम्ब्रियो ट्रांसफर के बाद हल्की मसाज आमतौर पर सुरक्षित है और यह तनाव कम करने में मदद कर सकती है।” हल्की मालिश भी कुछ स्थितियों में नहीं करनी चाहिए:
- अंडा निकालने (Egg Retrieval) के तुरंत बाद
- एम्ब्रियो ट्रांसफर के बाद, जब तक डॉक्टर अनुमति न दें
- IVF के किसी भी दर्दनाक चरण में
- अगर डॉक्टर ने कोई जोखिम बताया हो
यह महत्वपूर्ण क्यों है
IVF के दौरान शरीर बहुत संवेदनशील होता है। अंडा निकालना और एम्ब्रियो ट्रांसफर जैसे महत्वपूर्ण चरण बहुत ध्यान मांगते हैं। सबसे आखिरी चीज़ जो महिला चाहेंगी, वह है किसी भी तरीके से इस नाजुक संतुलन को प्रभावित करना। मालिश कराने से पहले हमेशा फर्टिलिटी डॉक्टर से सलाह लें।
हल्की मालिश तनाव को कम करने और आराम देने में मदद कर सकती है, लेकिन केवल सही तरीके से ही। हल्की, आरामदायक मालिश चुनें और हमेशा डॉक्टर की सलाह लें।
IVF करा रही महिला पहले से ही बहुत कुछ झेल रही होती है। ऐसे में उसे देखभाल और आराम की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, उसके लिए अपने शरीर पर ध्यान देने, डॉक्टर की सलाह मानने और मालिश के सुरक्षित विकल्प को चुनने की आवश्यकता होती है। इससे संभावित जोखिमों को कम किया जा सकता है।
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