क्या किसी व्यक्ति ने कभी महसूस किया है कि खाने के बाद या जब उसका रक्त शर्करा (Blood sugar) गिरता है, तब उसकी दृष्टि (vision) धुंधली हो जाती है? यह भ्रम नहीं है। रक्त शर्करा और दृष्टि का आपस में गहरा संबंध है और इसमें बदलाव सिर्फ कुछ घंटों में हो सकता है। मधुमेह रोगी अक्सर इसे महसूस करते हैं, लेकिन हर कोई नहीं जानता कि यह क्यों होता है या कब यह चिंता का विषय बन सकता है। चलिए इसे सरल शब्दों में समझते हैं।
रक्त शर्करा (Blood sugar) बदलने से दृष्टि (vision) क्यों जल्दी बदलती है?

गरिमा देव वर्मा, आहार विशेषज्ञ (Dietitian) और प्रमाणित डायबिटिक एजुकेटर (Certified Diabetic Educator), MSc फूड एंड न्यूट्रिशन, बताती हैं कि “जब किसी व्यक्ति का रक्त शर्करा अचानक बढ़ता या गिरता है, तो आँखों के लेंस (वो साफ हिस्सा जो देखने में मदद करता है) का पानी बदल जाता है। इसी वजह से दृष्टि तुरंत धुंधली या बदल सकती है। कुछ घंटे की अस्थिर शुगर, जैसे भारी खाना खाने या दवा छूट जाने पर, भी दृष्टि पर असर डाल सकती है।”
- ब्लड शुगर ज्यादा होने पर (Hyperglycaemia): लेंस में ज्यादा शुगर जाता है, पानी खिंचता है, लेंस फुलता है और नजर धुंधली हो जाती है।
- ब्लड शुगर कम होने पर (Hypoglycemia): मस्तिष्क और आँखें पर्याप्त ऊर्जा नहीं पाती हैं, जिससे थोड़े समय के लिए अंधेरा दिख सकता है, दोहरी नजर आ सकती है या “सितारे दिखना” जैसा महसूस हो सकता है।
क्या रक्त शर्करा के बढ़ने या गिरने से आँखों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है?
हाँ। बार-बार ब्लड शुगर बढ़ना और गिरना सिर्फ दृष्टि को थोड़े समय के लिए धुंधला नहीं करता, बल्कि लंबे समय में आँखों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
- अधिक शुगर और आँख का दबाव: अगर शुगर लंबे समय तक ज्यादा रहे, तो आँखों के अंदर दबाव बढ़ सकता है। इससे ग्लूकोमा (glaucoma) का खतरा बढ़ जाता है, जो ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचा सकता है।
- छोटी रक्त नलिकाओं को नुकसान: बार-बार शुगर बदलने से रेटिना (आंख की रोशनी महसूस करने वाली परत) की छोटी रक्त नलिकाएं कमजोर हो सकती हैं। इससे डायबिटिक रेटिनोपैथी हो सकती है, जो मधुमेह में दृष्टि कमजोर होने का एक मुख्य कारण है।
- सामान्य शुगर गिरना vs डायबिटीज़ के बदलाव: बिना मधुमेह रोगी भी कभी-कभी खाने देर से खाने पर हल्का धुंधला देख सकते हैं। लेकिन मधुमेह में ये बदलाव ज्यादा तेज़ और बार-बार होते हैं, जिससे लंबे समय में नुकसान का खतरा बढ़ जाता है।
संक्षेप में, एक बार का रक्त शर्करा का उतार-चढ़ाव नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन लगातार बदलाव आँखों को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
अगर दृष्टि कुछ घंटों में बदल जाए तो क्या करें?
अगर दृष्टि अचानक बदलती है, भले ही कुछ घंटों में ठीक हो जाए, तो इस स्थिति में निम्नलिखित काम करना चाहिए:
- ब्लड शुगर चेक करें: देखें कि शुगर ज्यादा है या कम। अगर बार-बार बदलती है, तो डॉक्टर से मधुमेह योजना पर सलाह लें।
- नए चश्मे अभी न लें: जब शुगर अस्थिर हो, तब नए चश्मे या लेंस न खरीदें। ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है।
- आंखों की नियमित जांच: भले ही नजर ठीक लगे, साल में कम से कम एक बार आंखें चेक कराएँ। इससे डायबिटिक रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा और मोतियाबिंद जैसी बीमारियों का जल्दी पता लगाया जा सकता है।
निम्नलिखित संकेतों पर ध्यान दें:
- नजर लगातार धुंधली हो
- काले धब्बे या रोशनी के चमक के निशान दिखें
- अचानक नजर चले जाना या ब्लैकआउट। अगर इनमें से कोई लक्षण दिखे, तो तुरंत आंख के विशेषज्ञ से मिलें।
हाँ, रक्त शर्करा और दृष्टि एक-दूसरे से संबंधित हैं। अगर शुगर बार-बार बढ़े और गिरे, तो दृष्टि कुछ घंटों में बदल सकती है। अच्छी बात यह है कि अधिकांश समय ये बदलाव अस्थायी होते हैं और रक्त शर्करा स्थिर होने पर ठीक हो जाते हैं।
लेकिन बार-बार उतार-चढ़ाव लंबे समय में आँखों को धीरे-धीरे नुकसान पहुँचा सकते हैं। आंखों की दृष्टि को स्वस्थ रखने के लिए ब्लड शुगर को स्थिर रखें, पर्याप्त पानी पिएँ और नियमित आंखों की जांच कराएँ।
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