BeatO Curv चैटबॉट देगा मधुमेह रोगियों को जांच के साथ डॉक्टरी सलाह

इस बार चेंजमेकर्स में पढ़िए राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार 2021 से पुरस्कृत एक ऐसी शुरुआत के बारे में जो मधुमेह को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभा सकता है...

Last Updated on जनवरी 18, 2023 by Neelam Singh

मधुमेह आज एक बेहद गंभीर मुद्दा बन गया है क्योंकि कई लोग जानकारी के अभाव में, तो कई इलाज के अभाव में और कई समय पर अपने शुगर की स्थिति न जान पाने के कारण मधुमेह से ग्रसित होते जा रहे हैं और यह आंकड़ा निरन्तर बढ़ रहा है। केवल ग्रामीण ही नहीं बल्कि शहरी इलाकों में भी जागरुकता का अभाव है क्योंकि लोग इस बीमारी को गंभीरता से नहीं ले रहे। 

भारत को ‘दुनिया की मधुमेह राजधानी’ भी कहा जाता है क्योंकि केवल भारत में ही विश्व के 14 प्रतिशत मधुमेह रोगी निवास करते हैं। देखा जाए, तो भारत में 80 लाख लोग मधुमेह से ग्रसित हैं और साल 2045 तक यह संख्या 135 लाख तक पहुंचने वाली है। मधुमेह को दो भागों में विभाजित किया जाता है, पहला- टाइप-1 और दूसरा टाइप-2। टाइप-1 मधुमेह में pancreas द्वारा इंसुलिन का निर्माण कम हो जाता है और टाइप-2 मधुमेह में शरीर में इंसुलिन तो बनता है मगर शरीर के प्रति प्रतिक्रिया देने में असमर्थ हो जाता है। यह दोनों ही स्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए गंभीर होती हैं क्योंकि मधुमेह में खानपान को लेकर काफी सर्तकता बरतनी पड़ती है मगर जो लोग खानपान और विशेषकर मीठे के शौकीन होते हैं, उन्हें वाकई काफी परेशानी होती है। हालांकि चिकित्सक रोगी की स्थिति देखते हुए ही उन्हें दिनचर्या और खानपान को लेकर सर्तकता बरतने की सलाह देते हैं। 

जटिल है मधुमेह जांच की प्रक्रिया 

सामान्यतया मधुमेह के रोगियों को जांच करवाने के लिए सुबह खाली पेट खून देना और उसके बाद नाश्ता करने के बाद खून देने की प्रक्रिया शामिल है। इसके बाद चिकित्सक से सलाह ली जाती है। मगर अब BeatO की सहायता से इस प्रक्रिया को सरल बनाने की कोशिश की गयी है, जिसके इस्तेमाल से लोगों को काफी फायदा मिलेगा।

National Startup Awards 2021 से पुरस्कृत होने वाले BeatO (Health Arx Technology Private Limited) के द्वारा मधुमेह रोगियों को बिना देर किए उनके मधुमेह स्तर की जांच करके सीधे स्मार्टफोन पर जानकारी प्रदान की जाती है। BeatO के Co-Founder और CEO गौतम चोपड़ा, Co-Founder और CEO यश सहगल, Co-Founder और CTO कुणाल किनालेकर हैं। 

Founders

चैटबॉट करेगा मरीजों से बात

साल 2015 के अगस्त महीने में BeatO की नींव रखी गई थी फिर साल 2016, मार्च महीने में BeatO की पहली App फोर्टिस के मरीजों के इस्तेमाल के लिए लांच की गई। फिर साल 2016 में ही सितंबर के महीने में BeatO Smart & Diabetes Care Plan को लांच किया गया। साल 2020 में BeatO Curv, भारत का पहला Glucometer स्मार्टफोन लांच किया गया। इसके बाद धीरे-धीरे ग्राहकों की मांग और जरुरत के अनुसार बदलाव आते गए। BeatO Curv में चैटबॉट का ऑप्शन भी डाला गया, जो मरीज से बात कर सकता है और इस चैटबॉट में मधुमेह विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। इसके अलावा कई अन्य जानकारियां भी मौजूद हैं। 

Chatbot

युट्युब पर दिए गए वीडियो के अनुसार आप इस डिवाइस BeatO Curv को बहुत आसानी से अपने स्मार्टफोन से कनेक्ट कर सकते हैं और उसके बाद test strip को BeatO Curv में कनेक्ट कर सकते हैं और इसी strip में ब्लड को लगाने के बाद आप सेकेंड्स में अपनी रिपोर्टस्क्रीन पर देख सकते हैं, जिसमें शुगर का स्तर विभिन्नरंगों के माध्यम से दिखाया जाता है। जैसे – हरा रंग मतलब शुगर नियंत्रित है, पीला मतलब शुगर की स्थिति मध्यम है और लाल रंग मतलब शुगर बढ़ा हुआ है। यहां आप अपने नोट्स भी जोड़ सकते हैं। आप इस डिवाइस को BeatO Curve की वेबसाइट से खरीद सकते हैं। 

फाउंडर्स का कहना है कि वे एक ऐसा सिस्टम बनाना चाहते थे, जहां सारी चीजें व्यवस्थित हो और लोगों को अपने मधुमेह की जानकारी पाने के लिए इंतजार ना करना पड़े। इससे लोगों को अपना डाइट प्लान नियंत्रित रखने में आसानी होगी और कामकाजी लोगों को भी अपनी सेहत से समझौता नहीं करना पड़ेगा।

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