Last Updated on अप्रैल 6, 2023 by Neelam Singh
सामान्य से अधिक शारीरिक भार या मोटापा कई बीमारियों की जड़ है और यह स्वयं में भी एक गंभीर समस्या है। आज की जीवनशैली इतनी ज्यादा बदल चुकी है कि लोगों के पास अपने शारीरिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए वक्त ही नहीं है और यही कारण है कि वे ना वक्त पर भोजन करते हैं और ना ही शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान देते हैं। और अपने ही स्वास्थ्य को धीरे-धीरे नजरअंदाज करना मोटापे को जन्म देता है।
दूनिया की आधी जनसंख्या पर खतरा
हाल ही में वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन द्वारा ‘वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस 2023′ रिपोर्ट जारी की गई है, जो एक चेतावनी के ही समान है। रिपोर्ट के अनुसार यदि लोगों ने अपनी जीवनशैली और भोजन की आदतों में बदलाव नहीं किया और प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए गंभीर नहीं हुए, तो विश्व की आधी से अधिक जनसंख्या साल 2035 तक मोटापे की गिरफ्त में होगी। साथ ही इस समस्या के कारण अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान होगा। इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए बॉडी मास इंडेक्स (BMI) को आधार बनाया गया है।
देखा जाए, तो मोटापा स्वयं एक परेशानी तो है ही लेकिन उसके साथ यह कई बीमारियों की जड़ भी है, जैसे – मधुमेह, हार्मोनल असंतुलन, हृदय रोग आदि। अगर जनसंख्या स्वस्थ्य नहीं होगी, तो देश का विकास भी प्रभावित होगा और अगर देश का विकास प्रभावित हुआ, तब अर्थव्यवस्था का डगमगाना तय है इसलिए मोटापे की समस्या से निपटने के लिए अभी से हर एक नागरिक को कमर कसनी होगी।
वर्ल्ड ओबेसिटी रिपोर्ट के अनुसार वयस्कों में मोटापे के मामलों में औसतन 5.2% की वार्षिक वृद्धि रहने की संभावना है। वहीं बच्चों में मोटापे के मामले में वार्षिक वृद्धि 9% से भी अधिक रहने का अनुमान है। आंकड़े साफ बता रहे हैं कि आने वाले समय में बच्चों में मोटापे की समस्या में व्यापक वृद्धि दर्ज होगी।
खराब जीवनशैली है एक अहम वजह
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के 2019 से 2021 की अवधि के आंकड़े बताते हैं कि पुरुषों के अधिक वजनी होने या मोटे होने का अनुपात 2006 के 9.3% से बढ़कर 2021 में 22.9 पर पहुंच गया है। वहीं महिलाओं में यह आंकड़ा 12.6% से बढ़कर 24% पर पहुंच चुका है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के बीते 15 वर्षों के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं में मोटापे की समस्या पुरुषों की तुलना में बढ़ी है। एक अध्ययन के मुताबिक पुदुचेरी में सबसे ज्यादा 46% महिलाएं मोटापे से ग्रसित हैं। इसके बाद पंजाब 40% और हरियाणा में 28% महिलाएं मोटापे की समस्या से ग्रसित हैं। शोध बताते हैं कि केवल मोटापे के कारण 13 तरह के कैंसर हो सकते हैं।
मोटापा होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे – लंबे वक्त तक बैठकर काम करना, भोजन के तुरंत बाद काम करने बैठ जाना, शारीरिक गतिविधि का कम होना, ज्यादा तला-भूना खाना, डब्बा बंद खाद्य पदार्थों का सेवन करना, केमिकल्स का इस्तेमाल करना, कॉस्मेटिक्स में इस्तेमाल होने वाले रसायनों के संपर्क में लंबे वक्त तक रहना, जलवायु परिवर्तन आदि। Is Makeup Making Us Fat? रिपोर्ट के अनुसार कॉस्मेटिक्स में इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स इंडोक्राइन ग्रंथि के रिसाव को प्रभावित करते हैं, जिससे वजन के अनियंत्रित होने की संभावना होती है।
स्वस्थ और अस्वस्थ शरीर के अंतर को समझें
चीफ डायटिशियन एवं डायबिटीज प्रशिक्षक प्रियंवदा दीक्षित बताती हैं, “मोटापा कम करने के लिए जरुरी है कि सबसे पहले अपने भोजन की आदतों को सुधारा जाए। जैसे – भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना। प्रोटीन के लिए सोयाबीन, बीन्स, दाल को शामिल करें। अगर खाने में मछली पसंद है, तो उसे भी शामिल कर सकते हैं। भोजन में चीनी और नमक की मात्रा को कम करें। साथ ही वसायुक्त तैलीय पदार्थों एवं डब्बाबंद खाद्य पदार्थों का सेवन कम से कम करें। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं एवं रात में गरिष्ठ भोजन ना करें। कोशिश करें कि रात के भोजन और सोने से पहले कम से कम एक-दो घंटे का अंतराल हो।
सुबह या शाम या काम के बीच जब कभी मौका मिले तो थोड़ा चलें फिरैं, सुबह अगर समय है, तो कुछ देर दौड़ भी लगा सकते हैं। शारिरीक गतिविधियों को बिल्कुल नजरअंदाज ना करें। साथ ही अगर पैरों में दर्द हो या वजन संंबंधी किसी प्रकार की तकलीफ महसूस हो, तो अपने चिकित्सक से जरुर मिलें क्योंकि कई बार वजन बढ़ने से पैरों पर शरीर का दबाब बढ़ जाता है।”
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