पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक ऐसी समस्या है जो अधिकांश महिलाओं को उनके प्रजनन (reproductive) वर्षों में प्रभावित करती है। इसमें हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिसके विभिन्न लक्षण हो सकते हैं: अनियमित मासिक धर्म, चेहरे या शरीर पर बाल उगना और वजन बढ़ना। PCOS थोड़ा जटिल (complex) हो सकता है और अक्सर महिलाएं सोचती हैं कि क्या उनकी रोज़मर्रा की आदतें — जैसे मीठी कॉफी पीना या चॉकलेट खाना — इसे और खराब कर रही हैं। सच यह है कि: कोई एक खाना PCOS का कारण नहीं बनता है लेकिन चीनी को इसका मूल कारण समझा जाता है। चूंकि, आजकल के खाने-पीने की चीज़ों में चीनी बहुत होती है — जैसे सीरियल, स्नैक्स और ड्रिंक्स में। अत्यधिक चीनी हार्मोन को बिगाड़ सकती है, विशेषकर अगर किसी महिला को पहले से PCOS होने का खतरा है।
चलो इसे आसान भाषा में समझते हैं: चीनी PCOS का मुख्य कारण नहीं बनती, लेकिन अगर किसी महिला को पहले से PCOS है या इसका पारिवारिक जोखिम है, तो अत्यधिक चीनी खाना लक्षणों को और बिगाड़ सकता है। क्यों ऐसा होता है? शरीर में इंसुलिन नाम का एक हार्मोन होता है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। लेकिन जिन महिलाओं को PCOS होता है, उनमें इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता — इसे इंसुलिन रेसिस्टेंस कहा जाता है। अगर कोई महिला बार-बार मीठा खाती है: तो उसका ब्लड शुगर बढ़ जाता है, शरीर इंसुलिन छोड़ता है ताकि शुगर को कंट्रोल कर सके लेकिन बार-बार ऐसा होने पर, शरीर इंसुलिन को अनदेखा करने लगता है — जैसे एक घंटी बार-बार बजे तो आप उसे सुनना बंद कर देते हैं। इससे शरीर शुगर और हार्मोन को अच्छे से कंट्रोल नहीं कर पाता है और इससे PCOS के लक्षण और भी खराब हो सकते हैं।
क्या अत्यधिक चीनी से PCOS का खतरा बढ़ सकता है?
हालांकि, यह प्रत्यक्ष कारण नहीं है, लेकिन अगर किसी महिला को पहले से ही PCOS है या इसके प्रति अतिसंवेदनशील है, तो ज़्यादा चीनी खाने से उसकी सेहत बिगड़ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इंसुलिन प्रतिरोध और शरीर का चीनी पर प्रतिक्रिया व्यक्ति-दर-व्यक्ति अलग-अलग होती है। PCOS वाली महिलाओं के लिए, चीनी सिर्फ रक्त शर्करा नहीं बढ़ाती, बल्कि यह एक श्रृंखला प्रतिक्रिया शुरू कर देती है जो एंड्रोजन उत्पादन को बढ़ा देती है। लेकिन PCOS समूह में भी प्रतिक्रिया एकसमान नहीं होती है। कुछ महिलाओं को चीनी के प्रभाव ज्यादा महसूस होते हैं।
इसका बहुत कुछ आनुवंशिकता पर निर्भर करता है। INSR जैसे जीनों के वेरिएंट, जो कोशिकाओं को इंसुलिन पर प्रतिक्रिया देने में मदद करते हैं, कुछ लोगों को इंसुलिन प्रतिरोध के प्रति अति संवेदनशील बना देते हैं। इसके अलावा, तनाव जैसी जीवनशैली कारक भी अहम भूमिका निभाते हैं। चूहों पर किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि अत्यधिक-चीनी से भरपूर आहार के साथ-साथ तनाव PCOS के लक्षणों को उत्पन्न करते हैं, जैसे मासिक धर्म का अनियमित होना और फैटी लिवर। ऐसा इसलिए क्योंकि कोर्टिसोल, जो तनाव हार्मोन है, इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ा सकता है, जिससे चीनी का प्रभाव और भी अधिक हो जाता है।
मानव अध्ययनों से पता चलता है कि जो महिलाएं दिन में दो से ज्यादा मीठे पेय पदार्थ पीती हैं, उनमें एंड्रोजन स्तर 40% बढ़ जाता है और अंडोत्सर्ग कमजोर हो जाता है, जबकि जो नहीं पीतीं उनमें ऐसा नहीं होता है। लेकिन यह सिर्फ शरीर के आकार के बारे में नहीं है। PCOS वाली पतली महिलाएं भी सफेद ब्रेड और तले हुए आलू जैसे उच्च-चीनी खाद्यों से प्रभावित हो सकती हैं। सामान्य बात यह है कि उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) वाले खाद्य पदार्थ, जो रक्त शर्करा को जल्दी बढ़ाते हैं, इंसुलिन में वृद्धि लाते हैं और लक्षणों को और बदतर करते हैं।
क्या चीनी का सेवन कम करने से PCOS के लक्षण ठीक हो सकते हैं?
हां। कई अध्ययनों से पता चला है कि परिष्कृत चीनी (refined sugars) का सेवन कम करने से PCOS ठीक नहीं होता, लेकिन यह लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करता है—मुंहासों से लेकर वजन बढ़ने तक। जब कोई महिला चीनी का सेवन कम करती है, तब इंसुलिन स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, जिससे एंड्रोजन कम होते हैं, मासिक धर्म नियमित होते हैं और पेट की सूजन भी कम हो सकती है।
वास्तव में, शोध इसकी पुष्टि करते हैं। एक अध्ययन जिसमें 12 ट्रायल्स और 500 से ज्यादा महिलाएं शामिल थीं, से पता चलता है कि कम-ग्लाइसेमिक आहार (जो धीरे-धीरे ऊर्जा देने वाले कार्ब्स पर केंद्रित होते हैं और चीनी उछाल से बचाते हैं) ने सिर्फ तीन महीनों में इंसुलिन संवेदनशीलता को 20% सुधार दिया और फ्री टेस्टोस्टेरोन को 15% कम कर दिया। इन आहारों पर महिलाओं ने कम भूख महसूस की और अंडोत्सर्ग ज्यादा नियमित हुआ। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन के एक अन्य अध्ययन से पता चलता है कि जो महिलाएं आहार में चीनी का सेवन कम करती हैं, उनका वजन जल्दी घटता है और और उनका इंसुलिन लेवल बेहतर होता है।
The Mediterranean diet भी PCOS वाली महिलाओं के लिए फायदेमंद साबित हुआ है। यह स्वस्थ वसा, साबुत अनाज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल-सब्जियों से भरपूर होता है, जो इन्फ्लेमेशन कम करता है, हार्मोन संतुलित करता है और फर्टिलिटी में भी मदद करता है।
ये डाइट्स “पाबंदी” या भूखा रहने के बारे में नहीं हैं —बल्कि ये ऐसी खाने की आदतें सिखाती हैं जिनसे महिला: ज़्यादा ऊर्जावान महसूस करें और कम सुस्त या थका हुआ।
निष्कर्ष
चीनी PCOS का एकमात्र कारण नहीं है, लेकिन यह ज़रूर असर डालती है कि लक्षण कितने ज़्यादा होंगे और सेहत कितनी बिगड़ सकती है। अच्छी बात यह है कि अगर कोई महिला खान-पान में सही बदलाव करें और चीनी के सेवन को संतुलन में रखें, तो PCOS को बेहतर तरीके से कंट्रोल किया जा सकता है। ये सब संतुलन बनाने की बात है कभी-कभी मीठा खाना ठीक है, लेकिन ऐसा न हो कि चीनी हार्मोन पर हावी हो जाए।
अपने डायटीशियन या न्यूट्रिशनिस्ट से बात करें, धीरे-धीरे डाइट में छोटे बदलाव करें और ध्यान दें कि किस चीज़ से शरीर कैसा महसूस करता है। हर छोटा कदम मदद करता है और सही सोच के साथ, सेहत को सामान्य रखा जा सकता है।
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