कई कपल्स के लिए इन-विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (IVF) एक भावनात्मक और शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण सफर हो सकता है। इस दौरान तनाव, जीवनशैली के चुनाव और मेडिकल ट्रीटमेंट्स का असर होता है। ऐसे में कुछ पोषक तत्वों पर अध्ययन किया गया है जो IVF के नतीजों को बेहतर बना सकते हैं। ऐसा ही एक आवश्यक मिनरल है ज़िंक। ज़िंक शरीर में कई ज़रूरी कामों में शामिल होता है – विशेषकर फर्टिलिटी संबंधी कामों में। हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि ज़िंक से IVF के सफल होने की संभावना बढ़ सकती है। इस लेख में हमने इस विषय पर विस्तार से चर्चा की है।
जिंक प्रजनन स्वास्थ्य (reproductive health) को कैसे प्रभावित करता है?
जिंक पुरुष और महिला दोनों के प्रजनन तंत्र के सामान्य कार्य के लिए आवश्यक है। महिलाओं में, जिंक अंडे के उत्पादन (ओवुलेशन), हार्मोन नियंत्रण और स्वस्थ अंडों के विकास में भूमिका निभाता है। पुरुषों में, यह शुक्राणु उत्पादन, गतिशीलता (मोटिलिटी) और आकार (मॉर्फोलॉजी) के लिए जरूरी है। यदि जिंक पर्याप्त न हो, तो प्रजनन कोशिकाएं ठीक से काम नहीं कर सकतीं, जिससे फर्टिलिटी कम हो सकती है।
अध्ययनों से पता चला है कि जिंक की कमी महिलाओं में अनियमित मासिक चक्र और खराब अंडे की गुणवत्ता का कारण बन सकती है, जबकि पुरुषों में यह कम शुक्राणु संख्या या खराब शुक्राणु गुणवत्ता का कारण बन सकती है। जिंक कोई चमत्कारी पोषक तत्व नहीं है, लेकिन सफल गर्भधारण के लिए आवश्यक हार्मोनल और कोशिकीय संतुलन के लिए इसकी मौजूदगी आवश्यक है।
क्या जिंक का स्तर IVF के नतीजों को प्रभावित कर सकता है?
हाँ, जिंक IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) की सफलता को प्रभावित कर सकता है। एक अध्ययन से पता चलता है कि जिन महिलाओं के खून और अंडों के चारों ओर के तरल (फॉलिक्यूलर फ्लूइड) में ज्यादा जिंक होता है, उनके अंडों की गुणवत्ता बेहतर थी और फर्टिलाइजेशन (अंडाणु और शुक्राणु के मिलन) की संभावना अधिक होती है। अच्छे अंडों से स्वस्थ भ्रूण (एंब्रियो) बनने की संभावना ज़्यादा होती है, जिससे IVF के सफल होने की संभावना बढ़ती हैं।
इसके अलावा, जिंक में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो अंडों और भ्रूणों को नुकसान से बचा सकते हैं।हालांकि, और अध्ययन करने की आवश्यकता है, लेकिन अब तक के साक्ष्यों से पता चलता है कि पर्याप्त जिंक लेना IVF के दौरान थोड़ी लेकिन अहम मदद कर सकता है।
क्या सफल IVF के लिए जिंक सप्लीमेंट लेना चाहिए?
शायद — लेकिन तभी जब शरीर में जिंक की कमी हो। अगर शरीर में जिंक कम है तो सप्लीमेंट मदद कर सकते हैं, लेकिन बिना ज़रूरत के लेना सही नहीं है। कोई भी सप्लीमेंट शुरू करने से पहले फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट या डाइटिशियन से सलाह ज़रूर लें। ज्यादा जिंक लेने से शरीर में कॉपर जैसे अन्य ज़रूरी मिनरल्स की कमी हो सकती है, जो स्वास्थ्य और फर्टिलिटी पर बुरा असर डाल सकता है।फर्टिलिटी के लिए आमतौर पर 8 से 15 मि.ग्रा. जिंक रोज़ाना लिया जाता है, लेकिन सही मात्रा आहार और समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करती है।
अगर कोई व्यक्ति IVF प्लान कर रहा है, तो ब्लड टेस्ट से जिंक का स्तर चेक करवाना चाहिए। अगर जिंक कम है, तो डॉक्टर सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं। अगर स्तर सही है, तो कद्दू के बीज, मेवे (nuts), दालें, अंडे और कम वसा वाला मांस जैसी चीज़ें खाकर भी जिंक आसानी से मिल सकता है।
निष्कर्ष
कोई एक ही पोषक तत्व (nutrient) IVF को सफल नहीं बना सकता, लेकिन जिंक फर्टिलिटी में एक अहम भूमिका निभाता है। जिंक अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है, यह हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है और यह कोशिकाओं को नुकसान (ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस) से बचाता है। ये सभी चीज़ें IVF को सफल बनाने में मदद करती हैं।
IVF के लिए खुद को तैयार कर रहें लोग अपनी जिंक की जांच करवाएं और जिंक से भरपूर डाइट अपनाएं। अगर शरीर में कमी हो, तो डॉक्टर की सलाह से जिंक सप्लीमेंट लिया जा सकता है।
हालांकि, जिंक कोई जादुई इलाज नहीं है, लेकिन IVF की इस नाज़ुक प्रक्रिया में यह एक अहम सहायक हो सकता है — विशेषकर जब इसे संतुलित खानपान, सही जीवनशैली और मेडिकल देखरेख के साथ लिया जाए।
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