Last Updated on जनवरी 13, 2023 by Shabnam Sengupta
वर्जिनिटी को लेकर लोगों में एक रूढ़िवादी मानसिकता है, जो साल दर साल घटने की बजाय बढ़ती जा रही है। आपको एक short movie याद होगी, जिसका नाम Seal था। जहाँ शादी के अगले दिन नवविवाहित पुरुष को अपने माता पिता के समक्ष अपनी पत्नी की virginity का सबूत देना होता है। कहाँ से आती है ऐसे मानसिकता?
यट्युब पर ऐसे कई वीडियो भी मौजूद हैं, जो महिलाओं की वर्जिनिटी चेक करने या वर्जिनिटी को रिस्टोर करने को लेकर कई दावे करते हैं। ऑनलाइन ऐसे कई प्रोडक्ट्स मिल जाएंगे, जो महिलाओं की वर्जिनिटी को रिस्टोर करने का दावा करते हैं। जैसे- Artificial Virginity kit जिसको अपने अंदरुनी भाग में लगा लेने से ब्लीडिंग होती है और महिला के वर्जिन होने का प्रमाण मिल जाता है।
क्या है virginity का myth
हम बचपन से बॉयोलॉजी में पढ़ते आ रहे हैं, जहां बताया जाता है कि हाइमन वजाइना के अंदर मात्र एक महीन परत होती है, जिसे झिल्ली भी कहा जाता है। यह झिल्ली खेल कूद, साइकलिंग या कोई जटिल शारीरिक कार्य करने से टूट जाती है। इसका टूटना बेहद सामान्य है क्योंकि कई बार कुछ लड़कियों में इसके टूटने पर रक्तस्राव (bleeding) होता है, तो कुछ लड़कियों को नहीं होता। साथ ही हाइमन के भी कई प्रकार होते हैं और कुछ तरीकों में तो हाइमन को हटाने के लिए सर्जरी तक करनी पड़ती है। यहां अफसोस इस बात का है कि समाज ने लड़कियों के इस हाइमन को उनकी ‘पवित्रता’ से जोड़ दिया है कि अगर किसी लड़की के पास हाइमन नहीं है या पहली बार शारीरिक संबंध बनाते वक्त यदि रक्तस्राव नहीं हुआ तब उसे शक के दायरे में डाल दिया जाता है।
दूल्हे ने रखी वर्जिनिटी टेस्ट की मांग
बिहार समेत कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में भी वर्जिनिटी को लेकर बेहद गहमा-गहमी का माहौल होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि बिहार के मोतिहारी जिले में एक लड़के ने शादी वाले दिन ही लड़की की वर्जिनिटी टेस्ट की मांग रख दी। यह घटना 17 नवंबर को जिले के तुरकौलिया थाना क्षेत्र के चरगहा गांव की है। इसके अलावा राजस्थान की घटना है, जहां एक महिला को वर्जिनिटी टेस्ट देने के लिए बाध्य किया गया और वर्जिन ना पाए जाने पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया। ऐसे कई मामले हैं, जिसमें से कुछ सामने आ पाते हैं तो कुछ दबा दिए जाते हैं। साथ ही हैरानी और ताज्जुब की बात यह है कि कई लड़कियां भी इस दौड़ में स्वेछा से शामिल हो जाती हैं और अपने आप को वर्जिन बताने के लिए उत्साहित रहती हैं।
आजकल महिलाएं अपने पति को वर्जिनिटी गिफ्ट के तौर पर देना चाहती हैं। बात अगर बिहार राज्य की करें ‘वर्जिनिटी सर्जरी’ यानी हाईमेनोप्लास्टी को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह है। अंतराराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर वर्जिनिटी सर्जरी का एलान होने के अगले दिन ही हजारों महिलाओं ने संपर्क किया और यदि इन ख़बरों को सच माना जाये तो अभी वेटिंग 9 महीने की चल रही है।
आजकल रिलेशनशिप सामान्य बात
इस विषय पर आईजीआईएमएस की वरिष्ठ महिला-रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कल्पना सिंह बताती हैं कि “नवयुवतियों में भी वर्जिनिटी को लेकर काफी उत्साह देखा जाता है। आजकल शादी से पहले शारीरिक सम्बन्ध होना बहुत आम बात हो गई है और जरुरी भी नहीं है कि हर एक रिश्ता शादी के अंजाम तक पहुंचे मगर समाज के भय से लड़कियों ये बात नहीं जाहिर होने देती कि शादी के पहले भी उन्होंने कोई संबंध बनाए थे।”
ग्रैजुएशन (अंतिम वर्ष) की एक लड़की ने अपने सम्बन्ध को लेकर बताया था, “मैंने और मेरे बॉयफ्रेंड ने बस एक एक्साइटमेंट के कारण शारीरिक सम्बन्ध बना लिया और कुछ समय बाद अलग हो गए। मुझे वर्जिनिटी के बारे में पता था लेकिन बाद में पता चला कि वर्जिनिटी को लेकर लोग इतना ज्यादा गंभीर हैं। उसके बाद मैंने ऑनलाइन एक दवा मंगवाई और उसे खा लिया, जिसमें लिखा था कि उससे वर्जिनिटी वापस आ जाएगी ताकि भविष्य में मेरे ऊपर कोई सवाल ना उठे।”
वहीं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु राय बताते हैं, “आजकल स्त्रीवर्ग में वर्जिनिटी सर्जरी काफी प्रचलित है। महिलाओं में नोर्मल डिलिवरी के कारण, एजिंग के कारण, लाइफ स्टाइल आदि के कारण भी योनि की मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं, जिससे शारीरिक संबंध बनाते वक्त दिक्कत होती है। यहां तक की महिलाओं को खांसते वक्त या कोई भारी काम करने के दौरान पेशाब निकल जाने की समस्या भी सामने आती है, जिसे वर्जिनिटी सर्जरी के जरिए ठीक किया जाता है। इस प्रक्रिया में लेजर ट्रीटमेंट की काफी डिमांड है, जिससे यह समस्या काफी जल्दी सही हो जाती है। अगर मरीज की स्थिति बहुत खराब नहीं है, तो चार सत्र में ही समस्या को ठीक करने का प्रयास किया जाता है। इसके अलावा सर्जरी द्वारा भी हाइमन को रिस्टोर किया जा सकता है। इस तरह की सर्जरी में करीब 40-45 हजार रुपये खर्च होते हैं।”
रिश्ते में विश्वास ज्यादा जरुरी
मनोचिकित्सक डॉ. बिंदा सिंह का कहना है कि, “देखा जाए, तो पुरुषों के लिए अभी तक ऐसा कोई मापदंड नहीं है लेकिन लड़कियों को कठघरे में खड़ा करने के लिए परिवार एवं समाज हमेशा उत्सुक रहते हैं। किसी भी रिश्ते में विश्वास बहुत जरुरी है क्योंकि आजकल छोटी सी बात पर रिश्ते ताश के पत्तों की तरह ढह जाते हैं। किसी का वर्जिन होना या ना होना उसके प्यार या समर्पण को नहीं दर्शा सकता।” डॉ. बिंदा सिंह आगे कहती है कि अपना भविष्य बनाने के संघर्ष में वैसे ही शादियां देर से की जा रही हैं और लिव-इन कल्चर बढ़ने के कारण रिश्ते और खुल रहे हैं। अगर कोई युगल किसी मेट्रो शहर में रहता है, तो उसे अपने खर्चों को कम करने के लिए एक साथ रहना ही होगा और ऐसी स्थिति में शारीरिक संबंध बनना आम बात हो जाती है। समझदारी इसी में है कि वर्जिनिटी को ज्यादा महत्त्व न देते हुए वर्तमान में जीने की कोशिश की जाए।
इस विषय पर दिल्ली में बतौर अकाउटेंट का काम कर रहे अमित (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वे भी किसी लड़की के साथ रिलेशन में थे लेकिन उनकी साथी ने पहले ही अमित को अपने पहले के संबंधों के बारे में बता दिया था और अमित इस रिश्ते को लेकर गंभीर है और वे वर्तमान में जीना चाहते हैं।
अगर मेडिकल कंडीशन सही है, तो हाईमेनोप्लास्टी को लेकर लड़कियों को ज्यादा चिंतित होने की जरुरत नहीं है। लड़का और लड़की को अपने रिश्ते को एकदम सच्चाई से शुरु करने की आवश्यकता है ना कि कोई अग्नि परीक्षा पास करने की, क्योंकि साथ रहने के लिए विश्वास और भरोसे की नींव मजबूत होनी जरुरी है ।
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