फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य हिस्सों में भी होता है टीबी का संक्रमण

आम जनधारणा के विपरीत टीबी केवल फेफड़ों को ही नहीं अपितु शरीर के विभिन्न हिस्सों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है। आइये कुछ और जानते हैं इस बीमारी के बारे में...

Last Updated on मार्च 24, 2022 by Neelam Singh

टीबी का नाम आते ही हमारे आंखों के सामने ऐसे विज्ञापन तैरने लगते हैं, जहां फेफड़ों में हुए संक्रमण को ही प्राथमिकता दी जाती है लेकिन टीबी केवल फेफड़ों ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है।

टीबी के मुख्यतः चार प्रकार होते हैं।

एक्टिव टीबी- जब शरीर में टीबी के बैक्टीरिया सक्रिय होते हैं और अन्य लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
लेटेंट टीबी- जब शरीर में टीबी के बैक्टीरिया निष्क्रिय अवस्था में मौजूद होते हैं।
पल्मोनरी टीबी- जब बैक्टीरिया फेफड़ों को प्रभावित करते हैं।
एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी Extrapulmonary tuberculosis (EPTB) – जब टीबी के बैक्टीरिया फेफड़ों के अलावा दूसरे अंगों को प्रभावित करते हैं। जैसे- मस्तिष्क, किडनी या फैलोपियन ट्युब्स।

जिन लोगों को अपने जीवनकाल में Miliary TB का संक्रमण होता है, उन्हें EPTB का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि इसमें बैक्टीरिया शरीर के अन्य भागों में फैलने लगते हैं।

मस्तिष्क में टीबी

मस्तिष्क में होने वाले टीबी को Tuberculous Meningitis (TBM) कहा जाता है। यह Meningitis का एक प्रकार है, जो मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी की कोशिकाओं में सूजन होने के कारण होता है। हालांकि ये बेहद कम लोगों में होता है इसलिए इस बारे में लोगों को कम जानकारी होती है। आमतौर पर इसके लक्षणों में सिर दर्द, बुखार, गर्दन में जकड़न, भ्रम, उनींदापन और कभी-कभी उल्टी होना शामिल है। सही समय पर इलाज ना होने से इसके लक्षण गंभीर होते चले जाते हैं। जैसे – दौरे पड़ना, hydrocephalus (accumulation of fluid in the brain cavity- मस्तिष्क में तरल पदार्थों का जमा होना), सुनने की क्षमता समाप्त होना, शरीर के एक हिस्से में लकवा (hemiparesis) मार जाना, आदि। Tuberculous Meningitis होने की संभावना उन लोगों में ज्यादा होती है, जिन्हें अपने जीवन में कभी Miliary TB हुआ हो।

किडनी में टीबी

किडनी में होने वाले टीबी को Renal tuberculosis (Renal TB) कहा जाता है, जिसमें एक या दोनों किडनी के प्रभावित होने की संभावना होती है। Renal tuberculosis, Genitourinary tract टीबी का एक प्रकार है, जो EPTB के अंतर्गत 15-20 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करता है। जिन लोगों को टीबी के दौरान फेफड़ों का संक्रमण होता है, उन्हें अगले 5-20 सालों तक Renal tuberculosis का खतरा रहता है। यह समस्या Mycobacterium bovis नामक बैक्टीरियल संक्रमण के कारण भी हो सकती है। वहीं जिन लोगों को एचआईवी-एड्स या डायबिटीज की बीमारी होती है, या जो अंग प्रत्यारोपण कराने के बाद मेडिकल ड्रग्स लेते हैं, उन्हें भी Renal TB होने की संभावना होती है। इसके लक्षण भी बेहद सामान्य ही होते हैं। जैसे – यूरिन में खून आना, एंटीबायोटिक का असर ना होना, यूरिन करते समय जलन, बार-बार टॉयलेट जाने की इच्छा, रात में कई बार टॉयलेट जाना, सोते वक्त लगातार पसीना आना, आदि।

फैलोपियन ट्यूब में टीबी

फैलोपियन ट्यूब में होने वाले टीबी को Genital TB (Female Genital TB- FGTB) कहा जाता है, जो महिलाओं के आंतरिक हिस्सों को प्रभावित करता है। यह 90 प्रतिशत महिलाओं में फैलोपियन ट्यूब, 70 प्रतिशत महिलाओं में एंडोमेट्रियम लेयर और 25 प्रतिशत महिलाओं में ओवरी को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में इनफर्टिलिटी (बांझपन) और अनियमित पीरियड्स मुख्य तौर पर शामिल होते हैं। बहुत कम केसों में FGTB का संक्रमण Mycobacterium bovis नामक बैक्टीरिया के कारण भी होता है। FGTB अपने पार्टनर के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने के दौरान भी होता है। EPTB के मामलों में FGTB का आंकड़ा 9 प्रतिशत है।

हालांकि इसके अलावा टीबी शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता हैं। जैसे – लिंफ नोड्स को संक्रमित करने पर TB lymphadenitis, फेफड़ों या लिंफ नोड्स से बैक्टीरिया हड्डियों को प्रभावित करते हैं, तो उससे Skeletal TB कहते हैं, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को प्रभावित करने पर Gastrointestinal TB कहा जाता है।

इलाज से जुड़ी जरुरी बातें

सही समय पर इलाज करा लेने से टीबी की बीमारी से निजात पाया जा सकता है लेकिन सही समय पर इलाज ना हो पाने से MDR/XDR TB या RR TB होने की संभावना गहरी हो जाती है। MDR टीबी को Multidrug resistance टीबी कहा जाता है, जब isoniazid and rifampicin नामक ड्रग्स बैक्टेरिया के खिलाफ नहीं लड़ पाते। XDR को Extensively drug-resistant  टीबी कहा जाता है और यह टीबी का सबसे खतरनाक स्तर होता है, जहां टीबी की मुख्य दवाएं और अन्य दवाएं तक मरीज पर असर नहीं करतीं। RR TB को Rifampicin resistant भी कहा जाता है, जहां Rifampicin नामक ड्रग्स टीबी मरीज पर असर नहीं करता है।

आजकल टीबी को लेकर कई जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं और लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि अब टीबी के इलाज के लिए लाखों रुपये खर्च करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि National TB Elimination Program (NTEP) के तहत टीबी के इलाज में सहायता प्रदान की जा रही है। मरीज चाहे तो नजदीकी अस्पतालों में भी जानकारी ले सकते हैं और समय पर इलाज से टीबी से छुटकारा पा सकते हैं। 

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