बेटी की झड़ती त्वचा ने एक मां को बना दिया उद्यमी

बाजार में मौजूद ब्यूटी उत्पाद और नए ब्रांड्स के साबुन, तेल या शैम्पू हर किसी को आकर्षित करते हैं लेकिन उनमें मौजूद रासायनिक तत्व कई बार त्वचा संबंधी परेशानियों का कारण बनते हैं। चेंजमेकर में पढ़िए एक मां की कहानी जिसने अपनी बेटी की परेशानी को कम करने के लिए लिया एक फैसला

Last Updated on फ़रवरी 2, 2023 by Neelam Singh

आजकल मार्केट में तरह-तरह के साबुन, शैम्पू और सेल्फ केयर के प्रोडक्ट्स मिल रहे हैं लेकिन साथ ही कई बार ऐसा भी होता है, जब कुछ उत्पाद शुद्धता मानकों पर खरे नहीं उतरते। कुछ ऐसा ही एक मां के साथ हुआ, जिसके बाद उसने अपनी बेटी के लिए घर पर ही साबुन तैयार किया और बाद में औरों तक इस उत्पाद को पहुँचाने की प्रक्रिया ने उसे एक उद्यमी महिला बना दिया। 

sheetal

हैदराबाद की रहने वाली 43 वर्षीय शीतल काबरा एक रोज अपनी बेटी को नहला रही थी, तब उन्होंने गौर किया कि उनकी बेटी की त्वचा कई जगह से उतर रही थी जबकि नहलाने से पहले उन्होंने अपनी बेटी को अच्छे से तेल की मालिश की थी। मालिश के बाद भी त्वचा का रुखा होना और त्वचा का उतरने लगना उन्हें ठीक नहीं लगा। साथ ही उनकी बेटी की त्वचा पर खुजली भी हो रही थी। इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी पर लगाये जाने वाले शैम्पू, तेल, साबुन और पाउडर आदि उत्पादों में प्रयोग किये जाने वाले घटकों के बारे में शोध किया जिससे उन्हें पता चला कि वे जो साबुन अपनी बेटी पर इस्तेमाल कर रही हैं, उसी साबुन के कारण उनकी बेटी की त्वचा झड़ रही थी।  इसके तुरंत बाद उन्होंने सारे उत्पादों का इस्तेमाल बंद कर दिया और कुछ समय बाद उनकी बेटी की त्वचा ठीक होने लगी। 

2013 में हुई कारोबार की शुरुआत

शीतल बताती हैं, मैंने जब अपनी बेटी की त्वचा को इस तरह से उतरते देखा तब मुझे डर लगने लगा कि कहीं मेरी बेटी को Eczema ना हो जाये इसलिए मैं चाहती थी कि किसी भी चीज का इस्तेमाल अच्छे से परखने के बाद ही करुं।  इसके बाद साल 2013 में ही उन्होंने Earthy Sapo नाम से अपने ब्रांड की शुरुआत की। वे बताती हैं कि उनके उत्पाद बिल्कुल प्राकृतिक तरीके से तैयारकिये गए हैं और ये Eczema पर भी काफी असरदार है।  हालांकि ये एक्जिमा को खत्म कर सकता है या नहीं इस बात का वे दावा नहीं करती हैं मगर त्वचा संबंधित परेशानियों को नियंत्रित जरुर कर सकती है। 

खुद ही बनी पहली ग्राहक

शीतल बताती हैं, सबसे पहला साबुन बनाने के बाद मैंने इसे खुद भी इस्तेमाल किया और अपनी बेटी को भी लगाया और हम दोनों पर इसके अच्छे परिणाम सामने आये।  इसमें मौजूद सारी चीजें बिल्कुल आसानी से उपलब्ध है और कई तो हमारे रसोईघर में भी मिल जाती है। उनके उत्पाद में वनस्पति तेल जैसे – नारियल तेल, सूरजमुखी तेल, sesame oil या राइस ब्रान तेल का इस्तेमाल किया जाता है।  इसके अलावा विभिन्न तरह के मक्खन भी इस्तेमाल किये जाते हैं। वे आगे कहती हैं, “वनस्पति तेल में मौजूद एसिड और वसा सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ प्रतिक्रिया करता है, जिससे साबुन और ग्लिसरीन बनता है। इन सबमें केमिकल प्रक्रिया होती है।”

making of soap

आठ महिलाओं को मिला रोजगार

शीतल बताती हैं कि उन्होंने इसे अपने घर से ही शुरू किया था लेकिन अब उनके साथ आठ महिलाएं भी काम कर रही हैं।  Earthy Sapo की रेंज में रीठा, शिकाकाई और मुल्तानी मिट्टी के शैम्पू भी उपलब्ध हैं। साथ ही नारियल, नीम आदि से बनायीं गई क्रीम भी उपलब्ध हैं। उन्हें एक महीने में करीब 3000 से ज्यादा ऑर्डर मिलते हैं। साथ ही यूएस, कनाडा और मलेशिया के भी ग्राहक उनके साथ जुड़े हैं। उनके बनाये साबुन की रेंज 260 रुपयों से शुरू होती है। उन्होंने Earthy Sapo के नाम से अपनी वेबसाइट और इंस्टाग्राम पेज बनाया हुआ है, जहां से आसानी से ऑर्डर किया जा सकता है।  इसके अलावा अमेजन और फ्लिपकार्ट पर भी उनके प्रोडक्ट मौजूद हैं।   

Earthy sapo

  

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