सारांश
फेसबुक पे एगो उपयोगकर्ता एगो संदेश पोस्ट करले बाटे जेमे इ दावा कराल गइल बा की मास्क के प्रयोग से लोगन के फेफड़ा में फंगल संक्रमण होजाएल। हमनी के इ दावे के संभावनाओं के जाँच करनी और पता चलल की मास्क तब्बे फंगल संक्रमण के कारण बन सकेला अगर ऊ अस्वच्छ या फिर गन्दा स्थिति में रखल गइल हो। हमनी के इ संदेश बहुते हद तक गलत पाइल गइल।
दावा
फेसबुक के एगो पोस्ट में इ दावा करल गइल रहे की मास्क पहने से लोगों के फेफड़ा में फंगल संक्रमण होजायेला। इ पोस्ट सभनि के इहो भी सलाह देवेला की मास्क पहने से ‘थोड़ा अंतराल लेवे के चाहीं’। इ दावे का एक संग्रहीत संस्करण यहां देखअल जा सकेला है और एकर आशुचित्र नीचे देवल गइल बा।

साँच के पड़ताल
फेफड़ा के फंगल संक्रमण केकरा हो सकेला?
CDC के वेबसाइट के मानल जाए त केकरो के कौनो समय फंगल संक्रमण हो सकेला। हमनी के हर दिन फंगल बीजाणुओं के संपर्क में आवेनी और कई बार आपन सांस के माध्यम से इ अंदरो चल जाए ला। हमनी के शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली अइसन फंगल बीजाणु के खिलाफ लड़ने में सक्षम बा और एहिला ज्यादातर हमनी के कौनो दिक्कत ना होवेला। पर जॉन लोगन के प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर होवेला या जेकरा में पहिलहे ही से कौनो बीमारी बाटे त कवक/फंगस जइसन बीमारी का कारण बन सकेला।
का केहूके के मास्क पहिने से फंगल संक्रमण हो सकेला?

आम तौर पे मास्क पहिने से केहूके फंगल संक्रमण होये के संभावना बहुत कम या ना के बराबर होवेला। दिल्ली के फोर्टिस हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट सलाहकार संजीव जैन के हिसाब से “फंगल संक्रमण खली अलग अलग तरह के मास्क के कारन न हो सकेला। या तो पहिने वाला अइसन वातावरण में होवे के चाही या जेकर प्राथमिक शारीरिक स्थिति अइसन हो, जे कारन ऊ अइसन संक्रमण के चपेट में आ सकेला।”
लेकिन, तब का होइ जब अस्वस्थ (पुन: उपयोग, अशुद्ध, गंदे हाथों से चुवल गइल ) हो? का ऊ फेफडा में फंगल संक्रमण का कारण बन सकेला?
डॉ जैन के इ मानना बा की इ बहुते हद तक मुमकिन बा और कहलन की “अगर मास्क के सही से ना रखल गइल तो मास्क में फंगस बढ़ सकेला जो की द्वितीयक फेफड़ा का संक्रमण का कारण हो सकेला।” अधिकतर भारतीय मास्क का पुनः उपयोग या मास्क ला उचित स्वच्छता बनाये रखेके या फिर सही तरह से मास्क के ना फेके से जेकरा वजह से मास्क के दूषित होये से सम्भावना बहुत बढ़ जावेला। डॉ जैन कहलन “गंदे मास्क के मतलब बा की ऊ साफ़ नइखे और वह पहले से ही दूषित होइ। गंदा या दूषित मास्क पहिने से द्वितीयक फेफड़े का संक्रमण जइसन की फंगल संक्रमण या फिर सामान्य जीवाणु संक्रमण हो सकेला।”
का मास्क पहिने से संक्रमण के कौनो कोई अन्य संभावना बा?

इसके अलावा एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की एमडी सहायक प्रोफेसर, डर्मेटोलॉजी के डॉ जोइता चौधरी कहेली की “लोग फुटपाथ से मास्क खरीद रहल बारन। इ मास्क को बढ़िया से साफ़ करके या कीटाणुरहित बनाइल जरुरी बा। ना तो त्वचा संक्रमण भी हो सकेला। एकरा अलावा डिज़ाइन दार छप्पल मास्क पहिने के भी फैशन बा। इ मास्क में छपाई करल जाए वाला सस्ता गुणवत्ता के स्याही भी त्वचा के संक्रमण का एक कारण हो सकेला। हालाँकि, हमने इ तरह के केवल कुछ मामला के अलग-थलग करने के बारे में सुनले बानी।”
तो, का हमनी के मास्क पहनने से बचे के चाहीं?
बिलकुल ना। अइसन समय में मास्क एगो जरुरी वस्तु बा, खासकर यदि कौनो भीड़ वाले क्षेत्रों में यात्रा करता या सार्वजनिक क्षेत्रों से गुजरत होई। हालांकि, कइसनो संक्रमण से बचेला उचित स्वच्छता बनाए रखना और आपन मास्क साफ़ रखल जरुरी बा।
Disclaimer: Medical Science is an ever evolving field. We strive to keep this page updated. In case you notice any discrepancy in the content, please inform us at [email protected]. You can futher read our Correction Policy here. Never disregard professional medical advice or delay seeking medical treatment because of something you have read on or accessed through this website or it's social media channels. Read our Full Disclaimer Here for further information.