सारांश
सोशल मीडिया पे एगो वीडियो वायरल भइल रहे जेमे दावा करल गइल रहे कि अंतिम चरण वाला कैंसर के 72 घंटों में भी ठीक करल जा सकेला। दावा बा कि अखरोट, अंकुरित अनाज, शहद, लहसुन और नींबू से घर पर बनल मिश्रण के सेवन करें से इ बीमारी ठीक हो सकेला। वीडियो के हिसाब से, सबके घोल बना के फ्रिज में रख के और दिन भर खाते रहे के जरुरत परेला।
हमनी के जब जांच करनी तो दावा झूठ निकलल।
दावा
यूट्यूब (YouTube) पर एगो हिंदी वीडियो संदेश में दावा करल गइल रहे की अखरोट, अंकुरित अनाज, शहद, लहसुन और नींबू के घर के बनल मिश्रण, कैंसर के अंतिम चरण के रोग ठीक कर सकेला। वीडियो में ‘दवा’ बनाइके तरीका बतईले बाटे।
वीडियो के एगो संग्रहीत संस्करण इंहा दे खल जा सकेला।
ई वीडियो को एगो यूट्यूब (Youtube) चैनल हेल्थ टिप्स फॉर यू के नाम से प्रकाशित करल गइल रहे।
साँच के पड़ताल
का बतावल गइल नुस्खा से कैंसर के इलाज करे में मदद कर सकेला?
दावा कौनो भी शोध के स्रोत केजइसन उल्लेख न करेला। हमनी के दुसरको अनुसंधान भी अइसन कोनो शोध के पहचान ना कर पाइल जेमे कही लिखल हो की प्राकृतिक अवयवों के घोल से कोनो कैंसर रोधक औषधीय मिलल हो।
हमनी के इ मुद्दा पे जानकारी लेवेला कैंसर रोग विशेषज्ञ, आहार विशेषज्ञ और आयुर्वेद चिकित्सकों के पास पहुंचनी।
डॉ मनीष सिंघल, वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट के हिसाब से, “इ दवा के कोनो आधार नइखे। इ घातक भी हो सकेला काहेकि एकरा चक्कर में जे लोग परी ऊ लोग असल असल वाला कैंसर रोग के हलके में लेवे लगी। कौनो तरह के कैंसर में डॉक्टर के सलाह के हिसाब से गंभीर चिकित्सा इलाज के जरुरत परेला। अइसन तरह के फर्जी दावा पे आंख मूंदकर के भरोसा करे से और ऊ भी कैंसर के चरम चरण में घातक होसकेला”।
काजल गुप्ता, डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट और ईगो सर्टिफाइड अल्टरनेटिव मेडिसिन व्यवसायी के भी इ बारे में एकहि विचार बा। ऊ कहेली की, “इ सच नइखे। देईल गइल खाद्य प्रदार्थ स्वस्थ बा। लेकिन इ कहल जाए की इ कैंसर रोग के ठीक करसकेला उहो 3 दिन में तो इ पूरा झोट बात बा। कैंसर से बचेला सब स्वस्थ भोजन खाये के चाही पर खाली आहार से कैंसर के इलाज करल संभव नइखे”।
का कैंसर रोग के आयुर्वेद के माध्यम से या प्राकृतिक उत्पाद या हर्बल सामग्री के उपयोग से ठीक करल जा सकेला?
अभी तक अइसन कौनो सबूत नइखे मिलल जेमे कहल जा सके की कैंसर के इलाज कोइयो आयुर्वेद उत्पाद से ठीक करल जा सकेला। (स्रोत: इंहा और इंहा)
एकरा बारे में डॉ सिंघल कहेलन, “एलोपैथी दवाई में प्राकृतिक तत्त्व होएला जहां जरुरत परेला। पर कौनो विशेष उपचार पर कोई भी सामग्री के गुणवक्ता शोध द्वारा प्रमाणित करल जायेला।
प्राकृत उत्पाद कैंसर के इलाज कर सकेला, एकरा पे विश्वास करे से पहले, हमनी के इ जानल जरुरी बा की कितना मात्रा में प्राकृत अवयवों के कौन तरह के रोगी के उपचार ला देवे के चाँहि।
2017 में, AIIMS एगो प्रमुख शोध परियोजना शुरू करले रहे, जेमे केन्द्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के विशेषज्ञ लोगन के साथ मिलकर स्तन, गर्भाशय ग्रीवा और मुंह के कैंसर के इलाज़ खातिर उपयोग करल जाए वाला आयुर्वेद औषधियों के प्रभावकारिता के अध्ययन और सत्यापन करि। जबकि एलोपैथी दवा के दुष्प्रभावों के कम करे में मदद करे वाला इ प्राकृतिक उत्पादों के बारे में कुछ रिपोर्टें सामने आइल बा, लेकिन एकर कोनो सबूत नइखे मिलल की आयुर्वेद के उत्पाद से कैंसर के इलाज हो सकेला। (इंहा स्रोत)